Uttarakhand News: उत्तराखंड की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए राज्य को 3 हिस्सों में बांटा गया है। इसमें हिमालय, शिवालिक और तराई जैसे भौगोलि क्षेत्र हैं। देवभूमि की भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि इस राज्य के लिए मॉनसून एक बड़ी चुनौती बन कर सामने आता है। इसी क्रम में राज्य सरकार पहले ही मॉनसून को लेकर अपनी तैयारियां कर लेती हैं जिससे कि राज्य को किसी भी तरह की प्राकृतिक आपदा से बचाया जा सके।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी इसी क्रम में आज मॉनसून सीजन को लेकर अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की है। सीएम धामी की ओर से स्पष्ट किया गया है कि मॉनसून सीजन के दौरान आपदा प्रबंधन में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। वहीं अल्मोड़ा जैसे बेहद संवेदनशील जिले के लिए भी सीएम धामी की ओर से अहम निर्देश जारी किए गए हैं।
मॉनसून सीजन को लेकर समीक्षा बैठक
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में आज सीएम पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में मॉनसून सीजन से पहले ही आपदा प्रबंधन को लेकर समीक्षा बैठक की गई। सीएम धामी ने आज आपदा प्रबंधन की बैठक के दौरान ही निर्देश जारी किया कि संबंधित विभाग के सभी अधिकारी अलर्ट मोड पर रहें और आपदा प्रबंधन से जुड़े सभी कार्य निश्चित समयावधि के दौरान पूर्ण किए जाएं।
सीएम धामी ने इसके साथ ही मॉनसून सीजन के लिहाज से संवेदनशील जिले अल्मोड़ा को लेकर कहा कि आपदा के दृष्टिगत से ये जिला बेहद संवेदनशील है। ऐसे में यहां मॉनसून सीजन के दौरान विशेष रूप से राज्य आपदा मोचन बल (SDRF) टीम की तैनाती की जाए। इसके अलावा सीएम धामी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में 15 जून से पूहले ही नालियों, सिंचाई गूलों और नहरों की सफाई करने के निर्देश दिए हैं जिससे कि मॉनसून सीजन में जल जमाव की समस्या ना हो सके।
देवभूमि के लिए बड़ी चुनौती है मॉनसून
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने समीक्षा बैठक के दौरान स्पष्ट किया है कि पहाड़ी राज्य होने के कारण, देवभूमि के लिए मॉनसून एक बड़ी चुनौती है। ऐसे में पिछले वर्ष जिन स्थानों पर अधिक आपदा आई थी, उन स्थानों को चिन्हित कर और वहां आपदा से निपटने के लिए विशेष इंतजाम किए जाएं। इसके अलावा आपदा और भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में विशेष सतर्कता बरतने के साथ बंद सड़कों को खोलने के लिए जगह-जगह जेसीबी की तैनाती की जाए।
सीएम धामी ने इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग को भी अलर्ट पर रहने को कहा है। सीएम धामी का कहना है कि अगर जरुरत पड़े तो पहाड़ी क्षेत्रों में गर्भवती महिलाओं को एयर लिफ्ट करने की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए। वहीं जलजनित बीमारियों की रोकथाम के लिए भी स्वास्थ्य विभाग समय-समय पर दवाइयों के छिड़काव और मानकों का पालन करता रहे।