Uttarakhand News: पहाड़ों की चोटियों पर बसा राज्य उत्तराखंड इस समय वनाग्नि के रुप में भीषण संकट का सामना कर रहा है। पौड़ी से लेकर गढ़वाल, कुमाऊं व अल्मोड़ा तक के जंगलों में इन दिनों आग धधक रही है। उत्तराखंड की हरियाली भी जंगलों की धधकती ज्वाला के भेंट चढ़ गई है और पहाड़ों पर राख ही राख नजर आ रहे हैं।
उत्तराखंड में पांव पसार रही इस भीषण संकट पर नियंत्रण पाने के लिए धामी सरकार लगातार प्रयासरत है। सीएम पुष्कर सिंह धामी स्वयं इसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं और अधिकारियों से लगातार ग्राउंड जीरो की रिपोर्ट ले रहे हैं। हालाकि जंगलों में धधक रही आग पर काबू पाना सरकार के लिए अब भी बड़ी चुनौती है। धामी सरकार इसके लिए भारतीय सेना की मदद भी ले रही है जिससे कि जल्द से जल्द आग पर काबू पाया जा सके।
आग की लपटों पर काबू पाना चुनौती
उत्तराखंड के ज्यादातर हिस्से पहाड़ी क्षेत्र हैं। इन्हीं पहाड़ों में वन जीवन भी हैं जहां देवदार, चीड़ व चंदन जैसे पेड़ भी पाए जाते हैं। ग्रीष्म सत्र में पहाड़ों पर जंगल सूख जाते हैं जिससे वहां आग लग जाती है। इस वर्ष भी पौड़ी से लेकर टिहरी गढ़वाल, कुमाऊं व अल्मोड़ा तक के जंगलों में भीषण आग लगी है जिसके कारण कई किलोमीटर तक के वन क्षेत्र धूं-धूं कर जल रहे हैं। ऐसे में जंगलों में धधकती इन आग की लपटों पर काबू पाना धामी सरकार के लिए बड़ा चुनौती माना जा रहा है।
क्या है धामी सरकार की तैयारी?
उत्तराखंड की धामी सरकार, सूबे के विभिन्न हिस्सों के जंगलों में लगे आग को लेकर बेहद सख्त नजर आ रही है। सीएम धामी प्रतिदिन आग पर काबू पाने के लिए अधिकारियों की मीटिंग लेकर उन्हें निर्देशित कर रहे हैं।
सीएम धामी की ओर से ये भी स्पष्ट किया गया है कि “वनाग्नि पर नियंत्रण पाने के लिए सरकार हर मोर्चे पर कार्य कर रही है। इसके अलावा सेना की सहायता लेने के साथ अधिकारियों को भी ग्राउंड जीरो पर भेजकर वनाग्नि पर नियंत्रण पाने के निर्देश दिए हैं।” सीएम का कहना है कि “जो भी अराजक तत्व जंगलों में आग लगाकर उन्हें नुकसान पहुंचा रहे हैं उनके खिलाफ सरकार कठोर कार्रवाई सुनिश्चित कर रही है।”