Uttarakhand News: उत्तराखंड सरकार राज्य में महिला सशक्तिकरण को लेकर लगातार अपने कदम आगे बढ़ा रही है। इस कड़ी में सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुले मंचों से भी महिलाओं के लिए सराकरी योजनाओं का जिक्र करते रहते हैं। खबर है कि अब फिर एक बार धामी सरकार देवभूमि की एकल महिलाओं के लिए नई योजना लाने जा रही है जिसके तहत उन्हें व्यवसाय संबंधी उद्देश्यों के लिए सस्ते दर पर लोन उपलब्ध कराया जा सकेगा। धामी सरकार के महिला बाल विकास विभाग द्वारा तैयार की गई इस योजना को अगली कैबिनेट में मंजूरी भी मिल जाएगी जिसके बाद अधिकतम 200000 रुपये का लोन एकल महिलाओं के लिए आवंटित किया जा सकेगा।
महिला सशक्तिकरण की ओर बढ़ते कदम
उत्तराखंड सरकार राज्य में केन्द्र व अन्य राज्य सराकारों की तर्ज पर ही महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा दे रहा है। इस कड़ी में महिला सशक्तिकरण कमेटी का गठन भी किया गया है। महिला बाल विकास विभाग के अधीन आने वाले इस कमेटी की ओर से एकल महिलाओं के लिए सस्ते दर पर लोन उपलब्ध कराने का मसौदा तैयार किया गया है। विभागीय मंत्री रेखा आर्य की ओर से इस संबंध में जानकारी दी गई है कि न्यूनतम 25 साल से अधिकतम 45 साल की एकल महिलाओं को दो लाख रुपये तक का कर्ज दिया जाएगा। इस उम्र श्रेणी में करीब डेढ़ लाख एकल महिलाओं के आने का अनुमान है। बता दें कि सरकार की ओर से भी 75 प्रतिशत तक सब्सिडी प्रदान की जाएगी। दावा किया जा रहा है कि सरकार की इस योजना से राज्य की लाखों एकल महिलाएं लाभवान्वित हो सकेंगी। बता दें कि महिला बाल विकास विभाग द्वारा तैयार किए गए इस योजना को अगली कैबिनेट बैठक में मंजूरी मिलेगी।
कौन हैं एकल महिलाएं?
एकल महिलाएं उन महिलाओं में आती हैं जो कि अविवाहित, विधवा, तलाकशुदा, परित्यकता की श्रेणी में हो। इसके अलावा विवाहित व सभी महिलाएं-लड़कियां जो अकेले रहकर खुद का, बच्चों का या अपने पर आश्रितों का खर्च वहन करें वो एकल महिला की श्रेणी में आएंगी। दावा किया जा रहा है कि उत्तराखंड में एकल महिलाओं की संख्या 400000 के करीब है। ऐसे में धामी सरकार के इस फैसले से लाखों महिलाओं को आजीविका का नया माध्यम मिल सकता है और वे अच्छे से अपना जीवनयापन कर सकेंगी।
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