Uttarakhand News: उत्तराखंड अपने विभिन्न प्राकृतिक वादियों के लिए देश-दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में मशहूर है। शायद यही वजह है कि सर्दी के सत्र में सैलानियों के साथ उत्तराखंड में प्रवासी पक्षियों का जत्था भी देखने को मिलता है। राज्य के विभिन्न जलाशयों में भारी संख्या में प्रवासी पक्षी आते हैं और सर्दी का लुफ्त उठाते हैं। उत्तराखंड (Uttarakhand) शासन की ओर से प्रवासीय पक्षियों के संबंध में कड़े इतंजाम देखने को मिलते हैं। खबर है कि अब शासन इन्हें बढ़ावा देने के लिए एक खास मोबाइल एप से इनकी गणना कराएगा और अनुमान लगाया जाएगा कि प्रति वर्ष कितने प्रवासीय पक्षी देवभूमि की ओर आ रहे हैं। बता दें कि इस खास मोबाइल एप को ई-बर्ड एप (E-Bird Mobile App) नाम दिया गया है। इस एप (Mobile App) के जरिए 20 जनवरी से प्रदेश के 2 टाइगर रिजर्व समेत 6 वन प्रभागों में प्रवासीय पक्षियों की गणना की जाएगी।
इस खास Mobile App से होगी गणना
उत्तराखंड के तराई समेत विभिन्न हिस्सों में आने वाले प्रवासी पक्षियों की गणना के लिए शासन की ओर से एक खास मोबाइल एप (Mobile App) लाया गया है। इसे ई-बर्ड एप (E-Bird Mobile App) नाम दिया गया है। खबर है कि शासन के निर्देश पर एशियन वाटर बर्ड सेंसस (पक्षी गणना) के तहत प्रवासी पक्षियों की गणना की जाएगी। इसकी जिम्मेदारी जैव विविधता बोर्ड को सौंपी गई है और कहा गया है कि सभी अनुभवी बर्ड वॉचर से संपर्क कर प्रवासी पक्षियों की गणना संपन्न कराया जाए।
Uttarakhand शासन की तैयारी
उत्तराखंड के तराई बेल्ट के साथ अन्य जलाशयों की ओर आने वाले प्रवासी पक्षियों की गणना के लिए सरकार सजग नजर आ रही है। इस क्रम में उत्तराखंड (Uttarakhand) शासन की ओर से निर्देश दिए गए हैं कि राज्य में 20 जनवरी से 2 टाइगर रिजर्व समेत 6 वन प्रभागों में प्रवासीय पक्षियों की ई-बर्ड एप से गणना की जाए। बता दें कि पिछले वर्ष की गई गणना के मुताबिक Uttarakhand में 111 विदेशी प्रजाति के परिंदे मिले थे। इसमे प्रमुख रुप से नौर्दन सोवलर, व्हाइट टेल्ड लैपविंग, सीट्रीन वैगटेल, इंडियन स्पॉट बिल डक, यूरेशियन कूट, ब्लैक हेडेड इबीस, मालार्ड और अल्पाइन स्वीफ्ट जैसे प्रजाति के परिंदे शामिल हैं।
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