Uttarakhand News: उत्तराखंड सरकार राज्य के मूल निवासियों के लिए राहत भरी खबर सामने लेकर आई है। समाचार एजेंसी एएनआई द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार अब देवभूमि के मूल निवासियों को अन्य स्थाई प्रमाण पत्र नहीं दिखाने होंगे। इसको लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ओर से अहम निर्देश जारी किए गए हैं। सीएम धामी की ओर से कहा गया है कि राज्य के मूल निवासियों के लिए मूल निवास प्रमाण पत्र ही पर्याप्त होगा। उन्हें अब किसी भी सरकारी दफ्तर में स्थाई प्रमाण पत्र दिखाने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकेगा।
उत्तराखंड के मूल निवासियों को बड़ी राहत
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा जारी किए गए खास निर्देश से राज्य के लाखों मूल निवासियों को बड़ी राहत मिल सकेगी। दरअसल किसी भी सरकारी दफ्तर में पहले मूल निवास प्रमाण पत्र के साथ स्थाई निवास प्रमाण पत्र के लिए लोगों को बाध्य किया जा रहा था। इस पूरे प्रकरण में सीएम धामी ने संज्ञान लेकर अब मूल निवासियों को राहत दी है। शासन द्वारा जारी किए गए ताजा निर्देश के तहत अब राज्य के मूल निवासियों को निवास के किसी अन्य प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं होगी। दावा किया जा रहा है कि इससे लाखों लोगों का दस्तावेज संबंधी आवश्यक काम और आसान हो सकेगा।
उत्तराखंड शासन का महत्वपूर्ण आदेश
उत्तराखंड में स्थाई प्रमाण पत्र को लेकर प्रदर्शन की खबरें सामने आती रहती हैं। आगामी 24 दिसंबर को भी इस संबंध में रैली आयोजित होने वाली थी। हालाकि शासन की ओर से उससे पहले ही मामले का संज्ञान ले लिया गया और मूल निवासियों के लिए स्थायी निवास प्रमाण पत्र की आवश्यकता के संबंध में महत्वपूर्ण आदेश जारी कर दिए गए। बता दें कि 20 नवंबर 2001 को जारी किए गए शासन के आदेश में राज्य के विभिन्न कार्यों के लिए स्थायी निवास प्रमाण पत्र जारी करने की व्यवस्था की गई थी। हालाकि फिर 28 सितंबर 2007 को शासन की ओर से एक और आदेश जारी कर मूल निवासियों के लिए स्थायी निवास प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं होने की बात भी कही गई थी। अब एक बार फिर शासन की ओर से मूल निवासियों के लिए स्थाई निवास प्रमाण पत्र के जरुरी ना होने के आदेश जारी किए गए हैं।
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