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Uttarakhand News: देवभूमि में जैविक कृषि को बढ़ावा दे रही धामी सरकार! लाखों का निवेश कर किसानों को दे रही खास सुविधा

Uttarakhand News: उत्तराखंड की 'धामी सरकार' राज्य में जैविक कृषि को बढ़ावा देने के लिए तमाम तरह के प्रयास कर रही है।

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सांकेतिक तस्वीर

Uttarakhand News: उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) के नेतृत्व में चल रही सरकार किसानों के उत्थान हेतु कई तरह के प्रयास कर रही है। इसमें सबसे प्रमुख है जैविक कृषि (Organic Agriculture) को बढ़ावा देना। उत्तराखंड की धामी सरकार ने जैविक कृषि को बढ़ावा देने के लिए राज्य के अलग-अलग हिस्सों में हजारों क्लस्टर बनवाएं हैं। इसके अलावा जैविक कृषि को रफ्तार देने के लिए लाखों करोड़ का निवेश भी किया गया है। उत्तराखंड (Uttarakhand News) के किसानों को भी तमाम तरह की सुविधाएं दी जा रही हैं ताकि वो जैविक कृषि की ओर तेजी से आकर्षित हो सकें।

जैविक कृषि को कैसे बढ़ावा दे रही उत्तराखंड सरकार?

उत्तराखंड सरकार जैविक कृषि को बढ़ावा देने के लिए तमाम तरह के प्रयास करती नजर आ रही है। इसके तहत बड़ा कदम उठाते हुए राज्य सरकार ने वित्तिय वर्ष 2023-24 में उत्तराखंड के अलग-अलग हिस्सों में 4053.20 लाख रुपये का निवेश किया है। वहीं हजारों क्लस्टर भी बनाए गए हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा किसानों को इस योजना से जोड़ा जा सके।

मुख्यमंत्री पुष्कर धामी की खास अपील

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी जैविक जैविक कृषि को बढ़ावा देने के लिए किसानों के खास अपील कर रहे हैं। उन्होंने राज्य की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए जैविक खेती, फल उत्पादन और औषधीय पौधों की खेती को विशेष रूप से प्रोत्साहित किया है। उत्तराखंड सरकार का मानना है कि इस कदम से किसान सशक्त हो सकेंगे और अर्थव्यवस्था को रफ्तार मिल सकेगी।

जैविक कृषि का लाभ क्या है?

जैविक कृषि का सीधा आशय है रसायनिक विधि को छोड़ जैविक पदार्थों की मदद से फसलों का उत्पादन। जैविक कृषि के कई सारे लाभ भी हैं। कृषि वैज्ञानिकों की मानें तो इस पद्धति से खेती करने पर मिट्टी की उपजाऊ क्षमता बरकरार रहती है। इसके अलावा जैविक कृषि की मदद से खेतों की मिट्टी में कार्बन अलगऔर ग्रीनहाउस प्रभाव कम होता है। इससे मिट्टी के ज़रिए होने वाला प्रदूषण में भी कमी होती है जिससे प्रकृति को स्वच्छ रखने में मदद मिलती है। जैविक कृषि करने वाले किसानों के फसल का उत्पादन भी बेहतर होता है और उनकी आय के साथ स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी रफ्तार मिलती है।

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