Uttarakhand Weather: जुलाई का महीना आते ही मेघ गरजने लगते हैं, खासकर उन जगहों में जो पहाड़ी इलाके हैं। देखा जाए तो अत्यधिक वर्षा की वजह से समतल भूमि वाले जगह की अपेक्षा पहाड़ी इलाकों में ज्यादा दिकत्तों का सामना करना पड़ता है। ठीक ऐसी ही दिक्कत सामना इस समय उत्तराखंड कर रहा है। मूसलाधार बारिश वजह से यहां न सिर्फ यातायात प्रभावित हो रहा है बल्कि रोजमर्रा की जीवन भी प्रभावित हो रहा है। यह बारिश पूरे उत्तराखंड में आफत बनकर कहर बरपा रही है। वहीं नदी-नाले भी अपना रौद्र रूप दिखाने से पीछे नहीं हट रहे। भारी बारिश के कारण शिप्रा नदी अपना विकराल रूप दिखा रही है।
उत्तराखंड में भारी बारिश ने मचाई तबाही
ख़बरों की मानें तो उत्तरखंड में भारी बारिश के कारण यातायात प्रभावित हुआ है। भवाली अल्मोड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग के भौर्या मोड़ के पास थुवा की पहाड़ी से भूस्खलन होने से सड़क पर पत्थर आ गए जिसके कारण यातायात ठप हो गया। वहीँ धारी-पोखराड़ मार्ग पर भारी मात्रा में मलबा आने से लोगों की आवाजाही पूर्ण रूप से बंद कर दी गयी है। जिसके चलते लोगों को भरी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
वहीं मौसम विभाग ने 24 घंटे पहले ही उत्तराखंड के चार जिलों में भारी बारिश के संकेत दे दिए थे। बुधवार से शुरू हुई बारिश गुरुवार तक थमने का नाम नहीं। जबकि देखा जाए तो मौसम विभाग ने बागेश्वर, टिहरी, देहरादून और पिथौरागढ़ के लिए पहले ही ऑरेंज अलर्ट जारी कर दिया था। इस सन्दर्भ में मौसम विभाग के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया, कि यह बारिश अभी जुलाई तक रुकने वाली नहीं है। ऐसे में लोगों को चाहिए कि वह इस भरी मेघ, कड़कती बिजली, तीव्र होने वाली बारिश से बचें।
पुलिस अधिकारियों ने क्या जानकारी दी ?
जब भारी वर्षा के कारण यातायात प्रभावित हुआ तो धारी पुलिस चौकी के प्रभारी विजय कुमार ने बताया कि धारी-पोखराड़ मार्ग पर मलबा आने से सड़क पर वाहनों की आवाजाही फ़िलहाल तत्काल प्रभाव से बंद कर दी गई है। इसके अलावा फिर से यातायात बहाल करने के लिए लोनिवि की जेसीबी बुलाई गई है, जो कि मलबे को हटाने का कार्य करेगी।
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