Uttrakhand News: उत्तराखंड भारत के खूबसूरत राज्यों में से एक हैं। यह राज्य पहाडों और ग्रीनरी और देवभूमि होने की वजह से लोगों के बीच में काफी मशहूर हैं। यहां पर हर साल पर्यटक घूमने के लिए आते हैं। उत्तराखंड के कई मंदिरों की लोगों के बीच में काफी मान्यता मानी जाती है। उन्हीं मंदिरों में से एक है चितई गोलू देवता मंदिर, जो अल्मोड़ा जिले में स्थित है। इस मंदिर में हर साल गोलूज्य मेले या महोत्सव का आयोजन होता है। जिसे इस राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसे राजकीय मेला घोषित करने का आदेश दिया है। अब से इस मेले में होने वाले सभी खर्चों को राज्य सरकार के द्वारा उठाया जाएगा ।
सांस्कृतिक संध्या के दौरान फोन पर की घोषणा
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने गोलूज्य महोत्सव को राजकीय मेला घोषित करने की घोषणा इन दिनों चल रहे सांस्कृतिक संध्या के दौरान 24 जून यानि शानिवार को ऑनलाइन माध्यम से की थी। इस बात की जानकारी खुद बीजेपी पार्टी की जिलाअध्यक्ष निर्मला मेहरा ने दी थी। आजकल अपने बिजी शेडयूल के चलते सीएम धामी मेले में आने में असमर्थ है। लेकिन जल्द ही वह इस मेले में नजर आएंगे। आने वाले समय में यह मंदिर काफी अच्छा और यहां पर आए लोगों की सभी सुरक्षाएं दी जाएगी।
गोलूज्य देवता मंदिर की क्या है खासियत
उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में स्थित गोलूज्य देवता मंदिर की काफी सारी मान्यताएं है। इस मंदिर को लोग न्याय का दरबार भी कहते हैं। इस मंदिर में यगि परेशानी में आया हुआ भक्त गोलू देवता से किसी भी चीज की मांग करता हैं , तो उसकी यह मन्नत पूरी होती है। यहां पर आए भक्त चिट्ठियों के जरिए अपनी मनोकामना और अपनी परेशानी इनको बताते हैं। भक्त अपनी मनोकामना और इच्छा पूरी होने के बाद इस मंदिर में घंटियां भी चढ़ाते हैं। कई लोग इस मंदिर को घंटियों वाले मंदिर से भी जानते हैं। ऐसा ही एक और मंदिर नैनीताल में गोड़ाकाल मंदिर के नाम से मशहूर है।
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