Tuesday, December 24, 2024
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Uttarkashi Tunnel Rescue: एक हफ्ते से सिलक्यारा सुरंग में फंसे 40 से ज्यादा लोग, नहीं मिली कोई राहत, अब क्या होगा?

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Pithoragarh Landslide: भूस्खलन के बीच राहत की खबर आना राहत को दुगना करता है। उत्तराखंड (Uttarakhand) के पिथौरागढ़ जिले में भीषण भूस्खलन हुआ। इस दौरान तवाघाट-धारचूला नेशनल हाइवे पर पहाड़ का एक हिस्सा भरभराकर गिर पड़ा। स्थिति ये हुई कि पूरी सड़क मलबे से भरी नजर आई।

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Uttarkashi Tunnel Rescue: उत्तराखंड के उत्तरकाशी टनल में बीते 9 दिन से 40 मजदूरों की जान मुसीबत में फंसी हुई है। बता दें कि 12 नवंबर यानि की दिवाली के दिन निर्माणधीन सुरंग का सिलक्यारा का हिस्सा ढ़ह गया। जिसकी वजह से सभी मजदूरों की जान खतरें में पड़ गई।

सुरंग में फंसी मजदूरों की जान

जिसमें करीब 40 लोग फंस गए, उन सभी लोगों को सुरंग से बाहर निकालने के लिए प्रशासन कई ऑपरेशन चल रहा है। लेकिन अभी तक प्रशासन को इसमें कोई भी सफलता नहीं मिली है। अभी भी सभी मजदूर सुरंग में जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहे हैं।

हाल ही में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने टनल का निरीक्षण किया था और निरीक्षण के बाद उन्होंने कहा था कि अब छह विकल्पों पर काम चल रहा है और इस ऑपरेशन में अभी दो से ढाई दिन का और वक्त लग सकता है।

युद्ध स्तर पर चल रहा है राहत बचाव अभियान

जानकारी के लिए आपको बता दें कि सुरंग में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए प्रशासन की तरफ से युद्ध स्तर पर बचाव अभियान चलाया जा रहा है। हालांकि अभी तक प्रशासन को इसमें कोई सफलता नहीं मिली है।

बता दें कि इसके साथ ही श्रमिकों के लिए एस्केप पैसेज तैयार करने के लिए ड्रिलिंग रविवार को भी बंद रही। सुरंग में फंसे मजदूरों को खाने की सामग्री और अन्य महत्वपूर्ण सामग्री पहुंचने के के लिए एक और बड़े व्यास पाइप डालने की तैयारी की जा रही है।

प्रदेश के आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि सुरंग में ड्रिलिंग कर उसमें पाइप डालने के लिए आगर मशीन को फिर शुरू करने की तैयारियां चल रही हैं। फंसे हुए लोगों तक खाना पहुंचा रहे पाइप के अतिरिक्त एक और बड़े व्यास का पाइप मलबे में 42 मीटर अंदर तक डाल दिया गया है। जिससे उन तक जरूरी चीजें पहुंचाई जा सकें। आगे उन्होंने कहा कि हिमालय में भूवैज्ञानिक स्तर एक समान न होने के कारण यहां यांत्रिक अभियान चुनौतीपूर्ण है।

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