Wednesday, December 18, 2024
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Vijayadashami 2024: हिंदू ही नहीं बौद्ध धर्म के लोग भी बहुत धूमधाम से मनाते है विजयदशमी का त्योहार, जानें इसके पीछे की वजह

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Dussehra 2024: देश के अलग-अलग हिस्सों में आज 12 अक्टूबर को विजयादशमी (Vijayadashami) यानी दशहरा पर्व बड़े धूम-धाम से मनाया जा रहा है। इस दौरान बड़े-बड़े मैदान में रामलीला का आयोजन किया जाता है जिसे देखने हजारों की संख्या में लोग आते हैं।

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Vijayadashami 2024: देश के विभिन्न हिस्सों में आज विजयादशमी की धूम है। नवरात्रि (Navratri 2024) के 9वें दिन के समापन होने के बाद 10वें दिन इस खास पर्व को धूम-धाम से मनाया जाता है।

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Dussehra 2024: दुर्गा पूजा और नवरात्रि (Navratri 2024) के अंत में मनाए जाने वाले विजयादशमी (Vijayadashami) यानी दशहरा पर्व को लेकर धूम बढ़ गई है। देश के अलग-अलग हिस्सों में आगामी कल यानी 12 अक्टूबर को दशहरा पर्व (Dussehra 2024) मनाया जाएगा।

Vijayadashami 2024: आज पूरे देश में विजयदशमी का त्योहार बहुत धूमधाम से मनाया जा रहा है। मालूम हो कि आज ही भगवान श्री राम ने रावण का वध किया था। हर साल विजयदशमी के दिन देश के अलग-अलग राज्यों में रावण का पुतला जलाया जाता है। इसे बुराई पर अच्छाई के रूप में भी मनाया जाता है। इस शुभअवसर पर पीएम मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु समेत कई बड़े नेताओं ने देशवासियों को बधाई दी है।

देशभर में यह त्योहार विजयदशमी के रूप में मनाया जा रहा है, लेकिन क्या आपको पता है कि सिर्फ हिंदू समुदाय के लोग नहीं बल्कि बौद्ध समुदाय के लोग भी दशहरा का त्योहार बहुत धूमधाम से मनाते है। वह इस त्योहार को अशोका विजयदशमी के रूप में मनाते है। चलिए आपको बताते है इससे पीछे की वजह

बौद्ध धर्म के लोग क्यों मनाते है विजयदशमी का त्योहार

दशहरा केवल हिंदू ही नहीं मनाते। बौद्ध भी इसे एक पवित्र दिन मानते हैं। जानकारी के मुताबिक उनका मानना ​​है कि इसी दिन राजा अशोक ने कलिंग युद्ध में हुई भारी तबाही और मौतों से आहत होकर बौद्ध धर्म अपना लिया था। यही कारण है कि नागपुर समेत कई राज्यों में दीक्षाभूमि में दशहरा को अशोक दशमी के रूप में मनाया जाता है।

पूरे देश में विजयदशमी की धूम

हर साल विजयदशमी के दिन रावण दहन की परम्परा है। क्या दिल्ली, क्या बिहार, क्या राजस्थान लगभग भारत के हर कोने में रावण का पुतला जलाया जाता है। इस दिन को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में भी मनया जाता है। मालूम हो कि रावण का पुतला हर साल जलाने का इसका पौराणिक महत्तव है। इसके अलावा इस का अर्थ यह भी है कि चाहे आप कितने भी ज्ञानी हों अगर किसी के अंदर अहंकार आ जाता है तो उसका अंत होना तय है।

दिल्ली में बना रावण का सबसे बड़ा पुतला?

वैसे तो लगभग सभी राज्यों में रावण का पुतला बनाकर उसको जलाया जाता है। लेकिन क्या आपको पता है कि इस बार देश का सबसे बड़ा रावण का पुतला कहा खड़ा किया गया है, तो हम आपको बता दें देश की राजधानी दिल्ली के द्वारका में इस बार सबसे बड़ा पुतला बनाया गया है।

द्वारका श्री राम लीला सोसाइटी के आयोजक राजेश गहलोत ने कहा कि ”इस रावण के पुतले को बनाने में लगभग 4 महीने का समय लगा, खर्च लगभग 30 लाख रुपये आया। आपको द्वारका में सबसे ऊंचा और सबसे सुंदर रावण का पुतला देखने को मिलेगा।”

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