Vinesh Phogat: किसानों और सरकार के बीच एमएसपी को लेकर अभी भी तकरार जारी है। बता दें कि लंबे समय से शंभू बॉर्डर पर चल रहे Farmer Protest के आज 200 दिन पूरे हो चुके है। इस दौरान बड़ी संख्या में किसान इकट्ठा होकर प्रदर्शन की योजना बना रहे है। आंदोलन के 200 दिन पूरे होने पर महिला कुश्ती पहलवान Vinesh Phogat आज शंभू बॉर्डर पहुंची और किसान आंदोलन में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने सरकार से अपील करते हुए कहा कि सरकार को किसान की बात सुननी चाहिए।
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने क्या कहा?
मीडिया से बात करते हुए किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि “मैं शंभु मोर्चा के मंच से बोल रहा हूं। Farmer Protest के 200 दिन पूरे होने पर सभी तैयारियां चल रही हैं।
यहां खनौरी और अन्य बॉर्डर पर लाखों किसान जुटेंगे। हमें Vinesh Phogat का संदेश मिला है, वह भी यहां पहुंचेंगी। हम उनका सम्मान करेंगे। आज हम केंद्र सरकार से मांग करेंगे कि इस रास्ते को खोला जाए और हमें दिल्ली जाने दिया जाए, जहां हम शांतिपूर्वक एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी के साथ-साथ अन्य मांगों की भी मांग कर सकें। इस मंच से ताजा घोषणाएं भी की जाएंगी।
चुनाव लड़ने पर Vinesh Phogat की प्रतिक्रिया
मीडिया द्वारा यह पूछे जाने पर कि अगर कांग्रेस उन्हें टिकट देती है तो क्या वह हरियाणा चुनाव लड़ेंगी। इस पर Vinesh Phogat ने कहा कि “मैं इस पर नहीं बोलूंगी, मैं राजनीति पर बात नहीं करूंगी। मैं अपने परिवार के पास आयी हूं। अगर आप इस बारे में बात करेंगे तो आप उनके संघर्ष और लड़ाई को बर्बाद कर देंगे।
आज फोकस मुझ पर नहीं है, किसानों पर होना चाहिए, ये मेरा आग्रह है। मैं एक एथलीट हूं, मैं पूरे देश की हूं।’ किस राज्य में चुनाव हो रहा है, इससे मेरा कोई लेना-देना नहीं है। मैं बस इतना जानती हूं कि मेरा देश पीड़ित है, किसान संकट में हैं। उनके मुद्दों का समाधान होना चाहिए और इसे हल करना सरकार की पहली प्राथमिकता होनी चाहिए”।
सरकार को किसानों की बात सुननी चाहिए
Vinesh Phogat ने आगे कहा कि “किसानों को यहां बैठे हुए 200 दिन हो गए हैं। ये देखकर दुख होता है ये सभी इस देश के नागरिक हैं। किसान देश चलाते हैं। उनके बिना कुछ भी संभव नहीं है, अगर वे हमें खाना नहीं खिलाएंगे तो हम प्रतिस्पर्धा नहीं कर पाएंगे।
कई बार हम असहाय होते हैं और कुछ नहीं कर पाते, हम इतने बड़े स्तर पर देश का प्रतिनिधित्व करते हैं लेकिन अपने परिवार को दुखी देखकर भी हम उनके लिए कुछ नहीं कर पाते। मैं सरकार से आग्रह करता हूं कि उन्हें सुनना चाहिए”।