Waqf Act Amendment Bill: तमाम सियासी उठा-पटक और कयासबाजी के बीच केन्द्र की मोदी सरकार ने आज लोकसभा में ऐतिहासिक वक्फ एक्ट संशोधन बिल पेश कर दिया है। वक्फ एक्ट संशोधन बिल पेश होने के बाद राजधानी दिल्ली से लेकर देश के विभिन्न राज्यों में सियासी घमासान छिड़ा है। इस बिल को लेकर एक ओर जहां विपक्ष केन्द्र सरकार पर हमलावर है तो वहीं केन्द्र इसे गरीबों को हक दिलाने वाला बिल बता रहा है।
केन्द्र की ओर से कहा जा रहा है कि इस बिल के पास होने व नया कानून लागू होने से लाखों की संख्या में गरीब मुसलमानों को उनका हक मिल सकेगा। केन्द्र और विपक्ष से इतर तमाम मुस्लिम संगठन भी Waqf Act Amendment Bill पर अपना पक्ष रखते नजर आ रहे हैं। ऐसे में आइए हम आपको मुस्लिम संगठनों का पक्ष और केन्द्र सरकार द्वारा पेश की गई इस बिल के बारे में विस्तार से बताने की कोशिश करते हैं।
Waqf Act Amendment Bill पर मुस्लिम संगठनों की प्रतिक्रिया
देश की राजनीति में इस दिनों वक्फ एक्ट संशोधन बिल (वक्फ संशोधन विधेयक, 2024) चर्चा का विषय बना हुआ है। केन्द्र सरकार द्वारा लोकसभा में आज वक्फ एक्ट संशोधन बिल पेश किए जाने के बाद ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की ओर से प्रतिक्रिया सामने आई है।
बोर्ड के सदस्य खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा है कि “कानूनी विशेषज्ञ इस बिल में लाए जा रहे संशोधन से वक्फ संपत्तियों को नुकसान के बारे में बता रहे हैं। पिछले कुछ समय से वक्फ को लेकर एक गलत दृष्टिकोण बनाया गया है। मौजूदा वक्फ अधिनियम में पर्याप्त से अधिक कानून हैं जो किसी संपत्ति को वक्फ संपत्ति के तहत दर्ज करने की कानूनी प्रक्रिया को परिभाषित करते हैं।”
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता डॉ. सैयद कासिम रसूल इलयास ने भी बीते दिनों अपना पक्ष रखा था। उन्होंने कहा था कि वक्फ एक्ट में ऐसा बदलाव, जिससे वक्फ संपत्तियों की हैसियत और प्रकृति बदल जाए या उन्हें हड़पना सरकार या किसी व्यक्ति के लिए आसान हो जाए, हरगिज कबूल नहीं किया जाएगा।
यूपी सरकार में मुस्लिम वक्फ और हज मंत्री रहे मोहसिन रजा का कहना है कि ”कांग्रेस सरकारों ने कई संशोधनों के माध्यम से वक्फ बोर्डों को इतनी शक्तियां दीं कि इसने उन्हें वक्फ माफिया या भू-माफिया में बदल दिया। वक्फ बोर्डों को इतनी शक्तियां दे दी गईं कि उन्होंने किसी भी जमीन पर कब्जा कर लिया। वक्फ बोर्डों को दी गई इन शक्तियों का दुरुपयोग किया गया, जनता को परेशान किया गया और मुसलमानों को इससे कोई लेना-देना नहीं था। सऊदी अरब और ओमान में भी वक्फ बोर्डों के पास इतनी शक्तियां नहीं है। इसीलिए देश ने वक्फ अधिनियम में संशोधन लाने की मांग की है।
संशोधन के जरिए अहम बदलाव
केन्द्र सरकार ने आज वक्फ एक्ट संशोधन बिल (वक्फ संशोधन विधेयक, 2024) लेकसभा में पेश कर कई अहम संशोधन की बात कही है। जानकारी के मुताबिक सरकार द्वारा पेश किए गए एक बिल के जरिए मुसलमान वक्फ कानून 1995 में महत्वपूर्ण संशोधन होंगे तो वहीं एक बिल से मुसलमान वक्फ कानून 1923 को समाप्त किया जाएगा। केन्द्र सरकार ने इस संशोधित विधेयक को ‘एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तिकरण, दक्षता और विकास अधिनियम, 1995’ नाम दिया है।
केन्द्र सरकार का कहना है कि इस बिल का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों का बेहतर प्रबंधन और संचालन करना है। इससे पारदर्शिता आ सकेगी और आने वाले समय में वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन और संचालन और बेहतर ढंग से किया जा सकेगा।