PhysicsWallah: एडटेक यूनिकॉर्न फिजिक्स वाला यानि शिक्षक अलख पांडे आज किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। पिछले कुछ दिनों से शिक्षक अलख पांडे के संस्थान में काम करने वाले कुछ शिक्षकों का एक वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। शिक्षकों पर रिश्वत लेने का आरोप लगाया गया है। जिसके बाद शिक्षकों ने एक वीडियो बनाकर यूट्यूब पर अपलोड किया है। इस वीडियो में वे अपनी बात रख रहे हैं।
गौर हो कि काफी समय से फिजिक्स वाला कोचिंग में अपनी सेवाएं दे रहे कुछ शिक्षकों ने अब इसे अलविदा कह दिया है। इन शिक्षकों में मनीष दुबे, सर्वेश दीक्षित, और तरुण कुमार शामिल हैं। रिश्वत लेने का यह आरोप उनके ही संस्थान में पढ़ाने वाले कैमेस्ट्री के टीचर पंकज सिजौर्य ने लगाया है। टीचर पंकज के मुताबिक ये शिक्षक एक दूसरी संस्था ‘अड्डा247’ से रिश्वत मांग रहे थे जिससे वो फिजिक्स वाला को छोड़ सके।
PhysicsWallah पर लगाया ये गंभीर आरोप
इन टीचर्स की मानें तो इनसे कुछ समय पहले 5 करोड़ रुपए मांगा गया था और इन्होने देने से इंकार कर दिया जिसके बाद से इन्हे बदनाम करने के लिए अलग – अलग तरह की साजिश रची जा रही है। अब इन तीनों अध्यापकों ने अपना एक यूट्यूब चैनल स्टार्ट कर लिया है। वहीं इन लोगों ने ये भी PhysicsWallah पर ये भी गंभीर आरोप लगाया है कि पहले के जैसा अब इन संस्थान में पढ़ाई का माहौल नहीं है। बता दें कि इन तीनों ही अध्यापकों के एक वीडियो जारी करके ये सभी बातें कहीं हैं।
वहीं वायरल हो रहे इस वीडियो में तीनों ही शिक्षक बार – बार पंकज सिजौर्य को अपना दोस्त बताते हुए अलख पांडे पर आरोप लगाते हुए दिखाई दे रहे हैं। इस वीडियो में शिक्षकों ने कहा है कि हमने संस्थान के द्वारा बनाए हुए नियम का पूरी तरह से पालन किया है। संस्थान को छोड़ने से पहले हमने अलख पांडे को नोटिस दिया था। कुछ लोगों ने ये भी कहा कि आपने संस्थान को छोड़ने से पहले बच्चों को क्यों नहीं बताया तो इसका जवाब देते हुए ये शिक्षक कह रहे हैं कि हम नहीं चाहते थे कि बच्चों की पढ़ाई किसी भी तरह से खराब हो।
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YouTube से वायरल हुआ वीडियो
इस वीडियो को बनाकर इन शिक्षकों ने YouTube पर अपलोड किया और देखते ही देखते ये वीडियो वायरल होने लगा। वहीं इस वीडियो पर 1.9 मिलियन व्यू आ चूका है। वहीं वायरल हो रहे इस वीडियो में यूजर्स लगातार शिक्षकों पर सहानभूति पाने का आरोप लगाया है। बता दें कि अलख पांडे ने अपने इस संस्थान की शुरआत सस्ती शिक्षा देने के लिए साल 2020 में कोरोना काल के दौरान की थी।
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