Assembly Election 2025: बीजेपी अभी से 2025 विधानसभा चुनाव (Assembly Election 2025) की तैयारियों में जुट गई है। लोकसभा चुनाव 2024 का परिणाम BJP के लिए एक झटके के समान था। बीजेपी लोकसभा चुनाव में अपने बल-बूते बहुमत का आंकड़ा भी नहीं पार कर पाई थी। इसके ठीक बाद बीजेपी ने कमबैक करते हुए एक के बाद एक महाराष्ट्र (Maharashtra) और हरियाणा विधानसभा के चुनाव जीत लिए। महाराष्ट्र और हरियाणा (Haryana) में बीजेपी को मिली जीत ने पार्टी को फ्रंटफुट पर लाकर खड़ा कर दिया। हालांकि, पार्टी अब पूरे दमखम के साथ रण में उतरने को बेताब है।
वर्ष 2025 बीजेपी (BJP) के लिहाज से बेहद खास है। दरअसल, 2025 में दिल्ली और बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं। दिल्ली (Delhi) में जहां बीजेपी दशकों से सत्ता से दूर है। तो वहीं बिहार (Bihar) में बीजेपी अपने सहयोगी दल JDU के सहारे सत्ता की कुर्सी पर काबिज है। ऐसे में वर्ष 2024 में बैकफुट से फ्रंटफुट तक पहुंची बीजेपी की रणनीति 2025 विधानसभा चुनाव के लिए क्या है हम आपको इसके बारे में बताएंगे।
Assembly Election 2025 के लिए क्या है BJP की रणनीति?
2025 में होने वाला दिल्ली विधानसभा चुनाव BJP के लिए अहम हैं। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि दिल्ली में अंतिम बार बीजेपी की मुख्यमंत्री सुष्मा स्वराज रही थीं। 1998 के बाद से बीजेपी का कोई नेता दिल्ली का सीएम नहीं बन सका है। सुष्मा स्वराज के बाद शीला दीक्षित, अरविंद केजरीवाल और कुमारी अतिशि के रूप में दिल्ली को तीन सीएम मिले। दिल्ली के अगल-बगल हरियाणा, उत्तराखंड, यूपी की सत्ता में काबिज बीजेपी अबकी बार सारे समीकरण को साध कर सत्ता में वापसी करने को बेताब है। वर्तमान समीकरण देखें तो BJP यहां अकेले पीएम मोदी के चेहरे पर चुनावी मैदान में उतर सकती है। बीजेपी का ये प्रयास कितना सफल होगा ये दिल्ली चुनाव के नतीजों के ऐलान से स्पष्ट हो सकेगा।
दिल्ली के अलावा बिहार विधानसभा चुनाव भी बीजेपी के लिए अहम है। उत्तर भारत में अपनी लोहा मनवा चुकी बीजेपी बिहार में अब तक अपना सीएम नहीं बना सकी है। बिहार की सत्ता में काबिज रहने के लिए बीजेपी-JDU ने एक-दूसरे से समीकरण साध कर राजनीति की है।
2025 विधानसभा चुनाव (Assembly Election 2025) में यही समीकरण लागू होता नजर आ रहा है। सम्राट चौधरी भी कई मौकों पर ऐलान कर चुके हैं कि 2025 विधानसभा का चुनाव नीतिश कुमार के चेहरे पर ही लड़ा जाएगा। हालांकि, सियासत संभावनाओं का खेल है। ऐसे में यदि नीतिश कुमार पूर्व की तरह बीजेपी का साथ छोड़ RJD या स्वतंत्र भाव से चुनावी मैदान में उतरे तो समीकरण बदल जाएगा। ऐसी स्थिति में बीजेपी उपेन्द्र कुश्वाहा और चिराग पासवान को साध कर या कुछ संभावित बदलाव के साथ चुनावी मैदान में उतर सकती है। हालांकि अभी बिहार विधानसभा चुनाव में राजनीतिक दलों के समीकरण को लेकर बात करना थोड़ी जल्दबाजी होगी। क्योंकि विधानसभा के चुनाव सितंबर या अक्टूबर 2025 में होने की संभावना है।
Lok Sabha 2024 में बैकफुट, तो Haryana, Maharashtra में फ्रंटफुट पर आई BJP!
ध्यान देने योग्य बात ये है कि बीजेपी लोकसभा चुनाव 2024 में बैकफुट पर जाने के बाद तेजी से फ्रंटफुट पर आ गई। लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी को 240 सीटें ही मिली थीं। वहीं सहयोगी दल TDP को 16, JDU को 12, LJP-R को 5 और अन्य दलों को भी कुछ सीटें मिली थीं। इसमें जन सेना पार्टी, जनता दल और RLD जैसे दल हैं। लोकसभा चुनाव परिणाम 2024 को बीजेपी के लिए बड़ा झटका माना गया। हालांकि, बीजेपी ने रणनीति साधते हुए कमबैक कर लिया और महाराष्ट्र, हरियाणा में जीत हासिल कर ली। महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाले महायुति को 230 सीटें मिली थीं। इसमें बीजेपी उम्मीदवारों की संख्या 132 थी।
हरियाणा की बात करें तो पीएम मोदी के चेहरे पर चुनावी मैदान में उतरे बीजेपी उम्मीदवारों ने सारे एग्जिट पोल के दावे को पछाड़ते हुए 48 सीट जीत लिए। वहीं कांग्रेस को महज 37 सीट ही मिले। ऐसे में बीजेपी ने हरियाणा और महाराष्ट्र में जीत हासिल कर बैकफुट से फ्रंटफुट तक का राजनीतिक सफर पूरा किया। यही वजह है कि ऊर्जा से भरी BJP के लिए अब 2025 विधानसभा चुनाव अहम बताया जा रहा है।