WhatsApp: दुनिया का सबसे बड़ा मैसेजिंग ऐप WhatsApp का इस्तेमाल आम हो या फिर कोई खास हो सभी करते हैं। पर्सनल और प्रोफेशनल जिंदगी के लिए वाट्सऐप एक महत्वपूर्ण ऐप बन चुका है। फोटो-वीडियो से लेकर जरुरी दस्तावेजों तक बस एक क्लिक से दुनिया के एक कोने से लेकर दूसरे कोने तक अपनी बात पहुंचाई जा सकती है।
आज के समय में हर कोई वाट्सऐप का इस्तेमाल कर रहा है। लेकिन क्या हो अगर अचानक से वाट्सऐप बंद हो जाए। ये बात किसी को भी हैरान और परेशान कर सकती है। लेकिन यकीन मानिए WhatsApp ने ये धमकी भारत को दी है। जिसके बाद अब सवाल उठने लगे हैं कि, क्या भारत में वाट्सऐप बंद हो जाएगा? ये मामला End-to-End Encrypted फीचर से जुड़ा हुआ है।
WhatsApp का End-to-End Encryption फीचर क्या है?
End-to-End Encryption एक ऐसा फीचर है, जिसके द्वारा मैसेज भेजने वाला और रिसीव करने वाला है मैसेज को देख और पढ़ सकता है। यहां तक की वाट्सऐप भी किसी के चैटबॉक्स में जाकर किसी कि, निजी जानकारी नहीं देख सकता है।
WhatsApp और केन्द्र सरकार के वकीलों ने क्या-क्या कहा?
दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) में आज वाट्सऐप की तरफ से आए वकील और केन्द्र सरकार का पक्ष रखने आए वकील ने अपने-अपने पक्ष रखे। वाट्सऐप की तरफ से पेश हुए वकील तेजस करिया ने कहा कि, अगर उनको end-to-end encrypted फीचर को बंद करने या हटाने के लिए मजबूर किया गया तो वो भारत से अपनी सर्विस बंद कर देंगे।
WhatsApp ने कहा कि, उनका End-to-End Encrypted फीचर वाट्सऐप पर बात करने वाले लोगों की बातों को गुफ्त रखता है। ऐसे में हम किसी की प्राइवेसी को खत्म नहीं कर सकते हैं।
वहीं, दूसरी तरफ केंद्र सरकार के वकील कीर्तिमान सिंह ने कहा कि, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के कानून के तहत सोशल मीडिया पर कौन पहले मैसेज भेज रहा है। इसके बार में पता होना बेहद जरुरी है। क्योंकि सोशल मीडिया पर क्या-क्या हो सकता है ये यूजर्स को बहुत अच्छी तरह से पता है। इसीलिए WhatsApp पर सबसे पहले मैसेज भेजने वाले की जानकारी को जानने के लिए एक प्रोसेस होना चाहिए। केन्द्र सरकार और वाट्सऐप के वकीलों की दलील सुनने के बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 14 अगस्त की तारीख दे दी है।
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