ChatGPT: ChatGPT को लेकर लगातार खबरें आती रहती हैं ऐसे में इसने सोमवार को कोर्ट में भी इंट्री कर दी है। इस इंट्री के बाद इसने एक और नया कीर्तिमान हासिल कर लिया है। देश में ऐसा पहली बार हुआ जब एक मामले की सुनवाई ChatGPT के द्वारा की गई है। मिली जानकारी के मुताबिक सोमवार को हत्या के एक केस की सुनवाई होनी थी जहां पर इस सुनवाई के दौरान ChatGPT का प्रयोग किया गया। वहीं इसके द्वारा सुनाए गए फैसले के बाद जस्टिस अनूप चितकारा ने इसके ऊपर सवाल खड़े करते हुए जमानत याचिका वाले इस मांग को खारिज कर दिया है। यह अभी तक के इतिहास में पहली बार है जहां किसी मामले की सुनवाई आर्टिफिशयल इंटेलीजेंस के द्वारा पूछे गए सवाल और उसके जवाब के द्वारा दिया गया है।
चैटजीपीटी के प्रयोग से नई प्रणाली की शुरुआत
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में जस्टिस अनूप चितकारा सोमवार को 2020 में हत्या के एक मामले की सुनवाई कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कोर्ट में चैटजीपीटी के प्रयोग कर कुछ नए पहल की शुरुआत करने की सोची। इस दौरान उन्होंने हत्या के इस मामले को चैटजीपीटी के द्वारा ही निपटाया। इस दौरान जज अनूप चितकारा ने इसके सभी जवाबों का उल्लेख भी बखूबी से किया। उन्होंने ने कहा कि आने वाले समय में ये आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस चैटजीपीटी पूरी दुनिया को बदलकर रख देगा साथ ही न्यायिक प्रणाली में वकीलों के लिए किसी भी मामले के विश्लेषण के लिए भी चैटजीपीटी काफी मदद करेगा।
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आखिर क्या था पूरा मामला
यह पूरा मामला साल 2020 का था जहां लुधियाना के रहने वाले एक व्यक्ति ने अपने कुछ दोस्तों के साथ मिलकर गहरा षड्यंत्र रचा और एक व्यक्ति की हत्या कर दी थी। ऐसे में इस मामले की सुनवाई के दौरान जज चितकारा ने इस मामले को गंभीरता से लिया और इस मामले की सुनवाई करते समय चैटजीपीटी का सहारा लिया। उन्होंने इस केस को लेकर चैटजीपीटी से सवाल किया कि ” अगर कोई हमलावर किसी अन्य व्यक्ति की हत्या कर देता है तो इस पर जमानत को लेकर संविधान क्या कहता है ?
वहीं चैटजीपीटी ने बड़े ही शानदार तरीके से जवाब देते हुए कहा कि ” इस तरह की हत्या बड़े ही क्रूरता से किया जाता है। ऐसे मामलों में जमानत पूरी तरह से जज पर निर्भर करता है कि वह आरोपी को छोड़ेगे या फिर सजा देंगे। वहीं आर्टिफिशयल इंटेलीजेंस ने ये भी बताया कि इसके लिए आरोपी से एक निर्धारत राशि भी ली जा सकती है।”
ChatGpt क्या है ?
ChatGpt एक तरह का AI टूल है जिसे विकसित नेचुरल लैंगुएज प्रोसेसिंग मॉडल के तहत साल 2018 में बनाया गया था। बता दें कि इसकी शुरुआत तो साल 2015 में एलन मस्क और सैम अल्टमैन ने की थी लेकिन कुछ समय के बाद एलन मस्क ने इसे छोड़ दिया। इसे इस तरह से बनाया गया है कि पब्लिक में उपलब्ध जितनी भी चीजें हैं सभी इसके अंदर समाहित हैं। वहीं इसमें उन सभी चीजों को डाला गया है जिसकी इंसानों को अपने निजी जिंदगी में जरुरत पड़ सकती है।