Zakir Hussain: दुनिया के सबसे बेहतरीन तबला वादक में से एक Zakir Hussain का यूएस की एक अस्पताल में निधन हो गया। मालूम हो कि तबला वादक के अविश्वनीय कार्यों के लिए उन्हें भारत सरकार द्वारा 2002 में पद्म भूषण और 2023 में पद्म विभूषण से नवाजा गया था। बता दें कि जाकिर हुसैन की उम्र 73 वर्ष की थी। मालूम हो कि भारतीय शास्त्रीय संगीत और फ्यूजन में अपने असाधारण योगदान देने वाले हुसैन पिछले एक हफ्ते से गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे। वहीं आज उन्हें यूएस के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उनका निधन हो गया।
Zakir Hussain की कुछ महान उपलब्धियां
बताते चले कि Zakir Hussain का जन्म 9 मार्च 1951 में मुंबई में हुआ था। हुसैन को 1988 में पद्म श्री, 2002 में पद्म भूषण और 2023 में पद्म विभूषण से नवाजा गया था। वहीं उनको 3 ग्रैमी अवॉर्ड भी मिल चुके है। इसके अलावा भी उन्हें कई राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय अवॉर्ड शामिल है। जिसमे इंडो अमेरिकन अवॉर्ड, संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, अकादमी रत्न समेत कई अवॉर्ड शामिल है।
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने जताया दुख
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने Zakir Hussain की मौत पर दुख जताते हुए अपने एक्स हैंडल पर लिखा कि “संगीत नाटक अकादमी, ग्रैमी, पद्म श्री, पद्म भूषण व पद्म विभूषण जैसे अनेक पुरस्कारों से सम्मानित, सुप्रसिद्ध तबला वादक उस्ताद श्री जाकिर हुसैन जी का निधन कला एवं संगीत जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है।
ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान तथा शोकाकुल परिजनों व प्रशंसकों को यह अथाह दु:ख सहन करने की शक्ति प्रदान करें”।
Zakir Hussain का प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
मुंबई में जन्मे Zakir Hussain को यह हुनर विरासत में मिली क्योंकि उनके पिता उस्ताद अल्लाह रक्खा कुरेशी भी तबला वादक थे। महज 11 साल की उम्र में दिवंगत हुसैन ने अपना पहला स्टेज शो किया था। अगर पढ़ाई की बात करें तो उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा मुंबई के माहिम के सेंट माइकल स्कूल से पूरी की उसके बाद सेंट जेविर्यस कॉलेज मुंबई से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। वह शुरू से ही अपनी कला के प्रति समर्पित थे। हालांकि उनकी मौत की खबर से उनके प्रशंसकों के बीच शोक की लहर दौड़ गई है।