Sheetala Ashtami 2023: हिंदू धर्म और शास्त्र में कई सारी चीजों की विशेष मान्यता है। वहीं हर दिन का अलग-अलग महत्व है। इसके अलावा हर महीने शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष के दिन अष्टमी तिथि का योग बनता है। मान्यताओं के अनुसार, चैत्र मास में कृष्ण पक्ष के अष्टमी तिथि का विशेष महत्व है। इस शुभ तिथि को शीतला अष्टमी भी कहते हैं। इस दिन मां शीतला की सच्चे मन से पूजा अर्चना की जाती है। वहीं सभी लोग मां की भक्ति में लीन में होते हैं। मान्यताओं के अनुसार, इस दिन कुछ खास उपायों को करने से भक्तों में जीवन में आ रही सभी परेशानियों का अंत भी हो जाता है।
शीतला अष्टमी का त्योहार हर बार होली के एक हफ्ते बाद मनाया जाता है। इस वर्ष ये खास दिन 15 मार्च को है। तो आइए आज इस आर्टिकल में जानते हैं, शीतला अष्टमी की शुभ मुहूर्त, उपाय और पूजा विधि।
जानें शीतला अष्टमी का शुभ मुहूर्त
इस वर्ष शीतला अष्टमी का त्योहार 15 मार्च को मनाया जाएगा। इस तिथि की शुरुआत 14 मार्च 2023 की रात 8 बजकर 22 मिनट से हो रही है। वहीं इस तिथि का समापन 15 मार्च शाम 6 बजकर 45 मिनट पर होगा। जैसा की हिंदी धर्म में उदय तिथि की मान्यता है। इसलिए ये व्रत 15 मार्च को रखा जाएगा।
वहीं इस दिन मां शीतला की पूजा अर्चना के लिए शुभ मुहूर्त की शुरुआत 15 मार्च की सुबह 6 बजकर 30 मिनट से हो रही है। वहीं इसका समापन शाम 6 बजकर 29 मिनट पर होगा।
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इस पूजा विधि से करें मां शीतला की पूजा
स्टेप 1: सबसे पहले मां शीतला की प्रतिमा स्थापित करें।
स्टेप 2: इसके बाद मां के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित करें और जल, फूल और अक्षत से व्रत का संकल्प लें।
स्टेप 3: अब मां को शृंगार की सभी चीजें अर्पित करें और मां को भोग लगाएं। भोग में सप्तमी तिथि के दिन बनाई हुई चीजों को ही लगाएं।
स्टेप 4: अब शीतला स्रोत का पाठ करें और आरती कर पूजा का समापन करें।
इन उपायों से सभी परेशानियों का होगा अंत
- पूजा के जल को पूरे घर में छिड़कें। इससे सुख समृद्धि और शांति का वास होगा।
- मां को शृंगार की सभी चीजें अर्पित करें और निरोग रहने के लिए प्रार्थना करें। इससे सभी परेशानियों का अंत होगा।