Basant Panchami 2024: सनानत धर्म में त्योहारों का विशेष महत्व बताया गया है। उसी तरह से माघ की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। यह त्योहार हिंदू धर्म के लोगों के लिए बहुत खास होता है। इस दिन के बाद से बसंत ऋतु की शुरूआत हो जाती है। यह दिन विद्यार्थीयों के लिए शुभ दिन माना जाता है। क्योंकि बसंत पंचमी के दिन माता सरस्वती देवी की पूजा-अर्चना की जाती है।
माना गया है कि, इस तिथि के दिन ही सरस्वती माता का जन्म हुआ था। जिसके बाद इसमें माता सरस्वती देवी की पूजा की जाती है। वहीं, मुहूर्त शास्त्र की बात करें तो बसंत पंचमी की तिथी को अबूझ मुहूर्त भी कहा जाता है। जिसमें सभी शुभ कार्य होते हैं। बसंत पंचमी के दिन विद्यांरभ, गृह प्रवेश ,नई वस्तु खरीदना और विवाह जैसे शुभ कार्य किए जाते हैं।
इस दिन का गीता में भी गुणगान किया गया है। जिसमें श्री कृष्ण भगवान ने कहा है कि, मैं ऋतुओं में बसंत हूं कहकर, बसंत को अपना ही स्वरूप बताया है।
बताया जाता है कि, इस दिन कामदेव और रति ने पहली बार मानव ह्रदय में प्रेम और आकर्षण का संचार किया था। तो चलिए जानते हैं बसंत पंचमी के बारे में कुछ विशेष और महत्वपूर्ण बातें..
बसंत पंचमी के बारे में कुछ विशेष
Basant Panchami 2024 क्यों मनाया जाता है बसंत पंचमी का त्योहार
जैसे फलों में आम को फलों का राजा माना जाता है। उसी तरह से सनातन धर्म में सभी ऋतुओं में बसंत को ऋतुओं का राजा कहा जाता है। यह कारण है कि इसे बसंत पंचमी बोलते हैं। इस ऋतु में खेतों में फसलें उगने लगती हैं और फूल भी खिलने शुरू हो जाते हैं। जिससे हर जगह खुशहाली हो जाती है।
Basant Panchami 2024 कब मनाई जाएगी बसंत पंचमी
हिदूं पंचाग के मुताबिक, माघ माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 13 फरवरी को दोपहर 2ः41 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन 14 फरवरी को दोपहर 12ः09 पर समाप्त होगी। जिसमें उदयतिथि के अनुसार यह 14 फरवरी को ही मनाया जाएगा।
Basant Panchami 2024 सरस्वती पूजा-मुहूर्त
हिंदू पंचाग के अनुसार, बसंत पंचमी के दिन आपके पास पांच घटों के लिए मुहूर्त है। जो कि सुबह 07ः00 बजे से 12ः35 तक मान्य रहेगा। बता दें कि, इस दिन कलम और दवात की विशेष पूजा की जाती है।
Basant Panchami 2024 क्यों पहनते हैं पीले वस्त्र
बसंत पंचमी के दिन सूरज के उत्तरायण में रहने से सूर्य की किरणों से पृथ्वी पीली हो जाती है। माना जाता है कि, पीला रंग आत्मविश्वास बढ़ाता है। साथ ही यह रंग तनाव कम करने में भी मदद करता है। इसके अलावा इस दिन पीले वस्त्र पहनकर माता सरस्वती की पूजा करनी चाहिए। इससे शुभ फल और वैभव की प्राप्ति होती है।
Basant Panchami 2024 इन चीजों का लगाएं भोग
बसंत पंचमी के दिन माता सरस्वती को केसर से बनी खीर, हलवा, बूंदी, बेसन से बने लड्डू और रबड़ी का भोग लगाया जाता है। इससे माता प्रसन्न होती है। साथ ही अपना आर्शीवाद देती हैं।
Basant Panchami 2024 ऐसी मूर्ति घर में स्थापित न करें
बसंत पंचमी के दिन हमेशा माता सरस्वती की कमल पर बैठी हुई मूर्ति की लाएं। ऐसा करने से माता प्रसन्न होती है। ध्यान रहे कभी भी माता की खड़ी हुई मूर्ति, खंडित मूर्ति आदि घर में स्थापित न करें। ऐसा करने से माता क्रोधित हो जाती हैं।
Basant Panchami 2024 सरस्वती पूजन विधि
सुबह प्रातः उठकर साफ सफाई कर स्नान करें।
इसके बाद साफ सुथरे वस्त्र पहनकर पूजा स्थल की सफाई करें।
अब जो आप माता की मूर्ति लाएं हैं उसको स्थापित करें।
अब माता सरस्वती का ध्यान करें और उनके मंत्रों का जाप करें।
इसके बाद सरस्वती माता की आरती कर, उनको भोग लगाएं।
माता सरस्वती के इस मंत्र का करें जाप
ओम ऐं ह्रीं कलीं महासरस्वती देव्यै नमः।
सरस्वती ॐ सरस्वत्यै नमः।
महामाया ॐ महमायायै नमः।
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