Brihaspati Ji Ki Aarti: हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार बृहस्पति देव को देवताओं का गुरु माना गया है। धर्म ग्रंथों में उल्लेखित है कि बृहस्पति देव के पूजन से भक्तों की सभी इच्छा पूरी होती है और साथ ही उन्हें ज्ञान, बुद्धि, धन-धान्य व विवेक की प्राप्ति भी होती है।
बता दें कि आज गुरुवार को बृहस्पति देव की पूजा करने से घर-परिवार में शांति भी बनी रहती है और घर में धन-धान्य के साथ खुशियों का वास होता है। ऐसे में हम आपको यहां बृहस्पति देव की आरती (Brihaspati Ji Ki Aarti) उपलब्ध करा रहे हैं जिससे की आप भगवान विष्णु के अंशावतार माने जाने वाले देवता बृहस्पति देव की पूजा प्रक्रिया को संपन्न कर सकें।
Brihaspati Ji Ki Aarti
बृहस्पति देव आरती
जय बृहस्पति देवा,
ॐ जय बृहस्पति देवा ।
छिन छिन भोग लगाऊँ,
कदली फल मेवा ॥
ॐ जय बृहस्पति देवा,
जय बृहस्पति देवा ॥
तुम पूरण परमात्मा,
तुम अन्तर्यामी ।
जगतपिता जगदीश्वर,
तुम सबके स्वामी ॥
ॐ जय बृहस्पति देवा,
जय बृहस्पति देवा ॥
चरणामृत निज निर्मल,
सब पातक हर्ता ।
सकल मनोरथ दायक,
कृपा करो भर्ता ॥
ॐ जय बृहस्पति देवा,
जय बृहस्पति देवा ॥
तन, मन, धन अर्पण कर,
जो जन शरण पड़े ।
प्रभु प्रकट तब होकर,
आकर द्वार खड़े ॥
ॐ जय बृहस्पति देवा,
जय बृहस्पति देवा ॥
दीनदयाल दयानिधि,
भक्तन हितकारी ।
पाप दोष सब हर्ता,
भव बंधन हारी ॥
ॐ जय बृहस्पति देवा,
जय बृहस्पति देवा ॥
सकल मनोरथ दायक,
सब संशय हारो ।
विषय विकार मिटाओ,
संतन सुखकारी ॥
ॐ जय बृहस्पति देवा,
जय बृहस्पति देवा ॥
जो कोई आरती तेरी,
प्रेम सहित गावे ।
जेठानन्द आनन्दकर,
सो निश्चय पावे ॥
ॐ जय बृहस्पति देवा,
जय बृहस्पति देवा ॥
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