Chaitra Navratri 2023: चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 22 मार्च से हो गई है। आज चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा-अर्चना की जाएगी। मान्यताओं के अनुसार, पूरे विधि-विधान से मां कुष्मांडा की पूजा करने से व्यक्ति को बल विद्या और बुद्धि का आशीर्वाद मिलता है।
आपको बता दें, मां कुष्मांडा सिंह पर सवार होकर आती हैं। वहीं इनकी आठ भुजाएं हैं। इसलिए मां कुष्मांडा को अष्टभुजा देवी के नाम से भी जानते हैं। बता दें, इस दिन सभी भक्तों को हरा रंग का वस्त्र धारण करना चाहिए। हरा रंग का वस्त्र मां को अत्यंत प्रिय है। इस दिन जो भी भक्त हरा रंग का वस्त्र धारण कर मां कुष्मांडा की पूजा अर्चना करते हैं। उसके जीवन में किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं आती है।
मां को लगाएं मालपुआ का भोग
मां कुष्मांडा को मालपुआ बेहद प्रिय है। मान्यताओं के अनुसार, सभी भक्तों को चतुर्थी के दिन मालपुआ का भोग लगाना चाहिए। इससे भक्तों को मां से अनचाहा फल मिलता है। वहीं भक्तों के जीवन में आ रही तमाम परेशानियों का अंत हो जाता है।
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इस पूजा विधि से करें मां कुष्मांडा की पूजा
स्टेप 1: सबसे पहले सुबह उठकर स्नान करें।
स्टेप 2: इसके बाद मां को श्रृंगार का सामान अर्पित करें। इससे व्यक्ति को सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
स्टेप 3: अब मां को मालपुआ और हलवे का भोग लगाएं। इससे मां सभी भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
स्टेप 4: अब की कथा और आरती करें और पूजा का समापन करें।
इस मंत्र का करें जाप
या देवी सर्वभूतेषु माँ कूष्माण्डा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ सुरासम्पूर्ण कलशं रुधिराप्लुतमेव च। दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥