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Chaitra Navratri 2023: अष्टमी के दिन इस विधि से करें महागौरी की पूजा, जानें पारण का नियम

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Chaitra Navratri 2023: हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि का विशेष महत्व है। आज नवरात्रि का आठवां दिन है। आज के दिन मां महागौरी की पूजा-अर्चना की जाएगी। बता दें, हर वर्ष दो बार नवरात्रि का त्योहार आता है। सबसे पहले चैत्र नवरात्रि के मौके पर मां सभी भक्तों पर आशीर्वाद देने के लिए आती हैं। वहीं एक बार कार्तिक मास में सभी को मां के स्वागत में लगे होते हैं।

बता दें, इस अष्टमी का दिन बेहद खास होता है। इस दिन सभी भक्तों को मां की भक्ति करनी चाहिए। वहीं आज के दिन कुमारी कन्या खिलाने का भी रिवाज है। मान्यताओं के अनुसार इस दिन जो भी भक्त कन्या पूजन करता है उसकी सभी दुविधाएं खत्म हो जाती है। तो आइए आज इस आर्टिकल में जानते हैं, किस पूजा विधि से मां महागौरी की पूजा अच्छा करें।

इस विधि से करें मां महागौरी की पूजा

स्टेप 1: आज के दिन कन्या पूजन की प्रधानता है। इसलिए आज कुमारी कन्याओं को अपने घर बुलाएं।

स्टेप 2: आप अपने घर में सभी कन्याओं का स्वागत जोरदार मां की जयकारा के साथ करें।

स्टेप 3: अब उन्हें पवित्र स्थान पर बैठाएं और गंगाजल से उनके हाथ और पांव को धोएं।

स्टेप 4: अब उनके माथे पर टीका और अक्षत लगाएं और फूल से स्वागत करें।

स्टेप 5: अब सभी कन्याओं को प्रेम पूर्वक भोजन करवाएं।

स्टेप 6: अब उनके दक्षिणा और श्रृंगार का सामान दें और पैर छूकर आशीर्वाद लें।

कन्या पूजन के बाद करें पारण

नवरात्रि के व्रत से पारण करने के लिए कन्या पूजन जरूर करें। मान्यताओं के अनुसार, कन्या पूजन के बिना व्रत का पारण अधूरा रहता है। इसलिए हिंदू धर्म में कन्या पूजन करवाने के बाद ही प्रसाद ग्रहण करके व्रत का पारण करें।

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इस मंत्र का करें जाप

वन्दे वांछित कामार्थे चन्द्रार्घकृत शेखराम्।
सिंहरूढ़ा चतुर्भुजा महागौरी यशस्वनीम्॥

पूर्णन्दु निभां गौरी सोमचक्रस्थितां अष्टमं महागौरी त्रिनेत्राम्।
वराभीतिकरां त्रिशूल डमरूधरां महागौरी भजेम्॥

पटाम्बर परिधानां मृदुहास्या नानालंकार भूषिताम्।
मंजीर, हार, केयूर किंकिणी रत्नकुण्डल मण्डिताम्॥

प्रफुल्ल वंदना पल्ल्वाधरां कातं कपोलां त्रैलोक्य मोहनम्।
कमनीया लावण्यां मृणांल चंदनगंधलिप्ताम्॥

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