Chaitra Navratri 2023: चैत्र नवरात्रि का त्योहार चल रहा है। सभी भक्तजन इस त्योहार को बेहद धूमधाम से मना रहे हैं। वहीं आज पंचमी है और आज के दिन मां स्कंदमाता की पूजा-अर्चना की जाएगी। मान्यताओं के अनुसार, आज के दिन जो भी भक्त मां की सच्ची भक्ति करता है और संतान हेतु प्रार्थना करता है, उसकी खाली झोली मां तुरंत भर देती हैं।
मां देवी शक्ति स्कंदमाता भगवान कार्तिकेय यानी सकंद की माता है। मान्यताओं के अनुसार, इस दिन जो भी भक्त मां की सच्ची भक्ति करता है उसके जीवन में किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं आती है। वहीं निः संतान भक्तों के जीवन में तुरंत खुशियां फैलाती हैं मां स्कंदमाता। इसलिए आज यानी पंचमी के दिन मां स्कंदमाता की सच्ची भक्ति करें। इससे भक्तों के जीवन में आ रही सभी परेशानियों का अंत हो जाता है।
इस शुभ मुहूर्त में करें मां की पूजा
बता दें, पंचमी की शुरुआत 25 मार्च दोपहर 14 बजकर 23 मिनट से हो रही है। वहीं इस दिन का समापन 26 मार्च दोपहर 14 बजकर 32 मिनट पर होगा।
इस दिन कई सारे शुभ योग बन रहे हैं। बता दें, शुभ एवं उत्तम योग की शुरुआत सुबह 7 बजकर 52 मिनट से हो रही है। वहीं इसका समापन सुबह 9 बजकर 24 मिनट पर होगा।
बता दें, रवि योग की शुरुआत 26 मार्च दोपहर 14 बजकर 1 मिनट पर हो रही है। वहीं इस शुभ योग का समापन 27 मार्च की सुबह 7 बजकर 1 मिनट पर होगा।
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इस पूजा विधि से करें मां स्कंदमाता की पूजा
स्टेप 1: सबसे पहले मां की प्रतिमा स्थापित करें और उन्हें पीले रंग की चुनरी अर्पित करें।
स्टेप 2: मां को पीले रंग की फूल, पीले रंग की मिठाई और पीली चंदन अर्पित करें।
स्टेप 3: इस दिन मां को केसर के खीर का भोग लगाएं ये बेहद शुभ माना जाता है।
स्टेप 4: अंत में मां के समक्ष मंत्र का जाप करें और मां की आरती करें।
इस मंत्र का निश्चित करें जाप
ह्रीं क्लीं स्वमिन्यै नम:
या देवी सर्वभूतेषु मां स्कंदमाता रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।
सिंहासना गता नित्यं पद्माश्रि तकरद्वया। शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी।।
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