Chhath puja 2023: कार्तिक महीने का छठवा दिन छठ पूजा के रूप में हर साल बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ देशभर में मनाया जाता है. इस बार यह 19 नवंबर को जिसके पहले दिन की शुरूआत आज से हो गई है. इसे नहाय खाय के नाम से जाना जाता है जिसका हिंदू धर्म के हिसाब से भी काफी महत्व होता है. छठी मैया और सूर्य देवता से जुड़ा यह त्योहार 4 दिनों का है, इसमें महिलाएं 36 घंटों तक निर्जला उपवास रहकर संतान की लंबी उम्र, उन्नति अच्छे स्वास्थय की कामना आदि के लिए करती हैं. आज इसके पहले दिन पर नहाय खाय के महत्व और इसके शुभ मुहूर्त के बारें में जानकारी देने जा रहे हैं-
नहाय खाय का शुभ मुहूर्त
छठ पर्व की शुरूआत खरना के साथ हो चुकी है, यह देश में बिहार, उत्तर प्रदेश. झारखंड और छत्तीगढ़ं के कई भागों में मनाया जाता है. इस दिन का चतुर्थी तिथि का शुभ मुहूर्त सुबह सुर्योदय 06 45 से लेकर शाम सुर्यास्त 05 27 तक रहने वाला है. वहीं जैसा कि नाम से ही साफ है इस दिन नहने और खाने का अधिक महत्व होता है.
नहाय खाय का क्या महत्व
आपको बता दें कि इस पवित्र व्रत में साफ-सफाई और सावधानियों पर ध्यान दिया जाता हैं, इस दिन व्रत रखने वाले लोग आस पास की किसी नदी में स्नान कर खुद को पवित्र करते हैं. इसके बाद पंरपागत रूप से स्वच्छता औस शुद्धता का ध्यान रखते हुए कच्चे चावलों से बनी हुई भात, कद्दू की सब्जी, चने की दाल आदि बनाकर तैयार की जाती है. बाद में व्रत रखने वाली महिलाएं एक साथ बैठकर छठी माता का ध्यान करते हुए इसे ग्रहण करती है. बता दें कि इस दिन के बाद से ही व्रत करने वाले लोगों के लिए नियम शुरू हो जाते हैं, इनका पालन सख्ती से करना होता है. वहीं इस दिन के बाद से ही आगें दूसरे त्योहारों की शुरूआत भी हो जाती है.
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