Monday, December 23, 2024
Homeधर्मChhath puja 2023: छठ पर उषा अर्घ्य से मिट जाएंगे सभी पाप,...

Chhath puja 2023: छठ पर उषा अर्घ्य से मिट जाएंगे सभी पाप, क्लेश, जानें पूजा इसके शुभ मुहूर्त से जुड़ी डिटेल

Date:

Related stories

Ranchi News: छठ महापर्व के बाद कर्मभूमि लौटने के लिए खींच-तान, रांची स्टेशन पर उमड़ रहा हुजूम

Ranchi News: बिहार के साथ झारखंड व आस-पास के इलाकों में छठ महापर्व को बड़े धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। इस क्रम में त्योहारों पर राज्य के विभिन्न शहरो में खूब भीड़ देखने को मिलती है।

Patna News: पटना के इन छठ घाटों पानी की किल्लत, अर्घ्य को लेकर पुलिस ने जारी की नई एडवाइजरी

Patna News: बिहार में छठ महापर्व को लेकर खूब धूम देखने को मिलती है। देश के विभिन्न हिस्सों में बसे लोग अपने मूल जनपद या गांव पहुंचकर भव्य तरीके से छठ महापर्व का हिस्सा बनते हैं।

Chhath puja 2023: छठ पर्व की धूम से पूरा देश सराबोर दिखाई दे रहा है, क्या ब्च्चे और क्यो बुजुर्ग हर कोई इस पावन पर्व में छठी मैया की पूजा अर्चना में लीन नजर आ रहा है, चार दिनों तक चलने वाले इस त्योहार का आज तीसरा दिन है. कार्तिक के महीने के इस दिन को संध्या अर्घ्य के नाम से भी जाना जाते हैं, इस दिन उषा काल में छिपते हुए सूर्य की पूजा करने का विधान बताया गया है. धार्मिक महत्व को देखते हुए इस दिन के लिए लि विशेष तौर पर तैयारियां की जाती हैं, यहां इसके महत्व के साथ शुभ मुहूर्त से जुड़ी सभी जानकारियां देने जा रहे हैं।

शाम के अर्घ्य का शुभ मुहूर्त है खास

बता दें कि छठ पूजा के तीसरे दिन को उषा अर्घ्य के नाम से भी जाना जाता है इस बार यह 19 नवंबर 2023 यानि आज मनाया जा रहा है. इस खास दिन पर छिपते हुए सुर्य की पूजा करने से सभी पापों का नाश होता है साथ ही छठी मैया की कृपा भी प्राप्त होती हैं. बता दें कि शाम के अर्घ्य का समय 05 बजकर 25 मिनट है वहीं इससे अगले दिन उगते हुए सूरज की पूजा करते हुए सुबह 06 बजकर 45 मिनट पर सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा.

क्या है उषा काल के अर्घ्य का महत्व

छठ के महापर्व में षष्ठी तिथि का अपनेआप में ही खासतौर पर महत्व होता है, इस दिन शाम के समय ऊर्जा के देवता सुर्य को अर्घ्य देने से अच्छे स्वास्थ्य का वरदान मिलता है वहीं इससे जिंदगी में आने वाले दुख, दर्द, क्लेशों का नास होकर परिवार में सुख और शांति बढती है. इस दौरान पवित्र नदी में डुबकी लगाकर माता छठी और भगवान सूर्य देव की उपासना की जाती है. व्रती महिलाएं नहा धोकर अपने हाथों में पूजा की थाली लिए जल में खड़े होकर पूजा करती हैं. साथ ही इस बीच छठी मैया से जुड़े हुए पारंपरिक लोकगीतों को गाने की भी परंपरा है.

देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘DNP INDIA’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOKINSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।

Diksha Gupta
Diksha Guptahttps://www.dnpindiahindi.in
2022 से करियर की शुरुआत कर दीक्षा बतौर कंटेंट राइटर के रूप में अपने सेवाएं दे रही हैं। लिखने, पढ़ने और कुछ नया सीखने के जोश के साथ आगे बढ़ने में विश्वास करती हैं। साथ ही एंटरटेनमेंट, लाइफस्टाइल और वायरल खबरों पर लिखने में इन्हें विशेष रुचि है। diksha.gupta1019@gmail.com पर इनसे संपर्क कर सकते हैं।

Latest stories