Chhath puja 2023: छठ पर्व की धूम से पूरा देश सराबोर दिखाई दे रहा है, क्या ब्च्चे और क्यो बुजुर्ग हर कोई इस पावन पर्व में छठी मैया की पूजा अर्चना में लीन नजर आ रहा है, चार दिनों तक चलने वाले इस त्योहार का आज तीसरा दिन है. कार्तिक के महीने के इस दिन को संध्या अर्घ्य के नाम से भी जाना जाते हैं, इस दिन उषा काल में छिपते हुए सूर्य की पूजा करने का विधान बताया गया है. धार्मिक महत्व को देखते हुए इस दिन के लिए लि विशेष तौर पर तैयारियां की जाती हैं, यहां इसके महत्व के साथ शुभ मुहूर्त से जुड़ी सभी जानकारियां देने जा रहे हैं।
शाम के अर्घ्य का शुभ मुहूर्त है खास
बता दें कि छठ पूजा के तीसरे दिन को उषा अर्घ्य के नाम से भी जाना जाता है इस बार यह 19 नवंबर 2023 यानि आज मनाया जा रहा है. इस खास दिन पर छिपते हुए सुर्य की पूजा करने से सभी पापों का नाश होता है साथ ही छठी मैया की कृपा भी प्राप्त होती हैं. बता दें कि शाम के अर्घ्य का समय 05 बजकर 25 मिनट है वहीं इससे अगले दिन उगते हुए सूरज की पूजा करते हुए सुबह 06 बजकर 45 मिनट पर सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा.
क्या है उषा काल के अर्घ्य का महत्व
छठ के महापर्व में षष्ठी तिथि का अपनेआप में ही खासतौर पर महत्व होता है, इस दिन शाम के समय ऊर्जा के देवता सुर्य को अर्घ्य देने से अच्छे स्वास्थ्य का वरदान मिलता है वहीं इससे जिंदगी में आने वाले दुख, दर्द, क्लेशों का नास होकर परिवार में सुख और शांति बढती है. इस दौरान पवित्र नदी में डुबकी लगाकर माता छठी और भगवान सूर्य देव की उपासना की जाती है. व्रती महिलाएं नहा धोकर अपने हाथों में पूजा की थाली लिए जल में खड़े होकर पूजा करती हैं. साथ ही इस बीच छठी मैया से जुड़े हुए पारंपरिक लोकगीतों को गाने की भी परंपरा है.
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