Chhath Puja 2024: किसी भी त्यौहार पर पूरी-पकवान बनाने की परंपरा बचपन से देखा होगा। घर में कोई त्यौहार हो तो खाने पर सबसे पहले ध्यान होता है लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि छठ पूजा (Chhath Puja 2024) के दौरान खरना (Kharna) पर पूरी नहीं रोटी क्यों बनाई जाती है। दरअसल खरना पर रोटी और खीर प्रसाद के तौर पर परोसा जाता है। बिहार के लोगों के बीच इस दिन रोटी और खीर का प्रसाद काफी लोकप्रिय है लेकिन इसके पीछे की वजह जानकर शायद आप हैरान रह जाएंगे। आज यानी 6 नवंबर को खरना पूजा है। ऐसे में आइए जानते हैं क्यों बनाई जाती है रोटी।
Chhath Puja 2024: 36 घंटे तक निर्जला उपवास के बीच Kharna पर व्रती खाती है प्रसाद
अगर छठ पूजा की बात हो रही है तो यह सच है कि यह व्रत सबसे कठिन व्रत में से एक है। लगभग 36 घंटे तक निर्जला उपवास के बीच खरना का भोग काफी चर्चा में होता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि खरना के दौरान क्यों बनाई जाती है रोटी। पूरे दिन व्रत रखने के बाद शाम को व्रती प्रसाद ग्रहण करती है। ऐसे में रोटी खाने के हेल्थ बेनिफिट्स हैं।
Chhath Puja 2024: Kharna पर रोटी खाने के फायदे
शरीर को कार्बोहाइड्रेट मिलता है
रोटी खाने से शरीर को कार्बोहाइड्रेट मिलता है और ऐसे में शरीर को व्रत रखने के लिए एनर्जी मिलती है। इस दौरान रोटी खाने से व्रती को फायदा हो सकता है क्योंकि यह सेहत के लिए भी फायदेमंद है।
व्रत के दौरान तले भुने चीजों को खाने से बिगड़ सकती है तबीयत
अगर रोटी को हेल्थ बेनिफिट से जोड़ें तो दिन भर उपवास रखने के बाद शाम को खरना पूजा के बाद प्रसाद के तौर पर रोटी खाने के एक फायदे और भी हैं। दरअसल इस दौरान तले भुने सामग्री को खाने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती है। ऐसे में रोटी से कोई नुकसान नहीं होता है।
रोटी से मिलती है गर्मी
रोटी खाने से शरीर को गर्मी मिलती है। दरअसल कार्बोहाइड्रेट शरीर को गर्मी प्रदान करता है और छठ पूजा के दौरान ठंड भी दस्तक देती है। ऐसे में ठंड से बचा जा सकता है।
Chhath Puja Kharna में व्रती बनाती हैं ये प्रसाद
अगर खरना पूजा के बारे में बात करें तो छठ व्रती इस दिन भगवान सूर्य की पूजा करती हैं। इस दौरान शुद्धता से रोटी और खीर बनाती हैं। रोटी-खीर के साथ केले का प्रसाद चढ़ाया जाता है। कई जगह पर गुड़ की रोटी बनाई जाती है तो कई जगह पर गुड़ से बनी खीर बनाने की परंपरा है। हालांकि प्रसाद में केला चढ़ाने का भी प्रावधान है।
Chhath Puja 2024: Kharna प्रसाद बनाते समय व्रती रखें ये बातें ध्यान
बता दें कि खरना के प्रसाद को बनाने के लिए साफ सफाई और शुद्धता का खास ख्याल रखा जाता है। सबसे पहले अपने हाथ से गेहूं को धोने के बाद उसे पिसवाने की परंपरा है और शुद्ध जगह पर उस आटे को रखा जाता है। खरना पूजा के दौरान व्रती और आसपास लोगों को बोलने की भी मनाही होती है। व्रती इस दौरान नए वस्त्र पहनकर इस पूजा को करती हैं और इस दौरान खुद को शुद्ध रखने की कोशिश करती है ताकि व्रत खंडित ना हो सके।
Chhath Puja को लेकर लोगों की मान्यता
जहां तक छठ पूजा की बात करें तो आज यानी 6 नवंबर को खरना पूजा है। वहीं 7 नवंबर को संध्या अर्घ्य जिसमें डूबते हुए सूरज की पूजा की जाएगी तो 8 नवंबर को सुबह अर्घ्य देकर उगते हुए सूरज की पूजा की परंपरा है। कहा जाता है कि छठ पूजा करने वाली व्रती की हर मनोरथ पूरी होती है और जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से छठी मैया से कुछ मांगते हैं वह उन्हें जरूर मिलता है।
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