Dahi Handi 2023: जैसा की आप सभी लोग जानते है की बीते 6 सितंबर के दिन कृष्ण जन्माष्टमी बड़े धूम-धाम से मनाई गई। कुछ लोग जन्माष्टमी का त्यौहार आज यानी की 7 सितंबर को भी मना रहे हैं। लोग इस दिन कृष्ण भगवान की पुजा करते है। कुछ लोग इस दिन व्रत भी रखते है। कृष्ण जन्माष्टमी के एक दिन बाद दही-हांडी का महोत्सव होता है।
जिन लोगों ने जन्माष्टमी 6 को मनाई है वे लोग आज दही हांडी का त्यौहार मनाएंगे। और जो लोग आज यह पर्व मनाएंगे वे कल यानी की 8 सितंबर को दही हांड़ी मनाएंगे। लेकिन क्या आपको पता हैं की दही हांडी महोत्व के पिछे का क्या कारण है। यदि नहीं तो आज हम आपको इसके पिछे का कारण बताएंगे।
आज मनाई जाएगी दही हांड़ी
कल जन्माष्टमी का त्यौहार मनाया गया। कुछ लोग आज भी यह त्यौहार मनाएंगे। जन्माष्टमी के एक दिन बाद देश भर में दही हांडी का त्यौहार मनाया जाता है। इस दिन माखन और दही से भरी मटकी फोड़ने का रिवाज है। पहले केवल महाराष्ट्र में यह महोत्सव मनाया जाता था। मगर अब देश के ज्यादातर हिस्सों में इस महोत्सव को मनाया जाने लगा है।
दही हांडी महोत्सव की प्रतियोगिता भी होती है। कई टीमें इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेते है। जो दही हांडी की प्रतियोगिता में हिस्सा लेते है उसे गोविंदा कहते है। क्या आपको पता है यह महोत्सव क्यों मनाया जाता है। यदि नहीं तो आज हम इस महोत्सव को मानने के पिछे का कारण आपको बतायेगे।
क्यों मनाई जाति है दही हांडी?
दही हांडी महोत्सव से लोग कृष्ण की बाल लीलाओं को याद करते हैं। आप सभी को पता ही होगा कि कृष्ण कन्हैया बचपन में कितने नटखट थे। कृष्ण कन्हैया को माखन अति प्रिय है। वे अपने घर के अलावा अगल-बगल के घरों से भी माखन चुराते हैं। उनके इस आदत से परेशान होकर मां यशोदा और गोकुल की सभी औरतें माखन छुपाकर घर के ऊपर लटकाकर रखने लगी।
कृष्ण फिर भी माखन चुराने से बाज नहीं आते थे। वे अपने दोस्तों के साथ छुपकर घर में घुस जाते और अपने दोस्तों की पीठ पर चढ़कर माखन खाते और उन्हें भी खिलाते थे। लोग कन्हैया की इस लीला को याद कर दही-हांड़ी मनाते हैं। ऐसी मान्यता है की दही हांड़ी पर मटकी फोड़ने पर घर में सुख और समृद्धि आती है।
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