Govardhan Puja 2024: दिवाली (Diwali) पर्व के बाद मनाए जाने वाले सबसे खास उत्सवों में से एक गोवर्धन पूजा आज धूम-धाम से मनाया जा रहा है। इस दिन भगवान कृष्ण की अराधना की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आज के दिन ही भगवान श्रीकृष्ण (Lord Krishna) ने इंद्रदेव के क्रोध से ब्रजवासियों की रक्षा की थी। उन्होंने गोवर्धन पर्वत (Govardhan Parvat) उठाकर लोगों को भारी बारिश से बचाया था। ऐसे में सनातन परंपरा में जन्म लेने वालों के लिए गोवर्धन पूजा का विशेष महत्व है।
मान्यताओं के अनुसार गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja 2024) के दिन भगवान कृष्ण को मौली, बताशे, मिठाई, फल आदि चीजें अर्पित करने से वे प्रसन्न होते हैं और भक्तों को मनचाहा वरदान देते हैं। इसके अलावा गोवर्धन पूजा को लेकर कई सारे शास्त्रीय मत भी हैं जिनके बारे में हम आपको विस्तार से बताने की कोशिश करेंगे।
Govardhan Puja 2024- भगवान कृष्ण को अर्पित करें ये खास वस्तु
आज यानी गोवर्धन पूजा के दिन गाय के गोबर से भगवान गोवर्धन की प्रतिमा बनाई जाती है। इसके बाद विधि-विधान से प्रतिमा पर 56 भोग का प्रसाद चढ़ाकर भगवान कृष्ण की अराधना की जाती है। लोग अपने आंगन में गाय के गोबर से गोवर्धन नाथ की अल्पना भी बनाते हैं और उसकी पूजा करते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान कृष्ण प्रसन्न रहते हैं।
गोवर्धन पूजा के दिन कृष्ण देव को साक्षात मानकर भक्त मौली, नैवेद, फल और अन्य व्यंजनों को अर्पित करें। इसके अलावा भगवान को अन्नकूट का प्रसाद भी चढ़ाएं। इससे भक्तों पर कृपा बरसती है और उनके घर में सुख समृद्धि का वास बना रहता है।
गोवर्धन पूजा को लेकर शास्त्रीय मत
शास्त्रीय मतों के अनुसार गोवर्धन पूजा का दिन विशेष तौर पर सुहागिन महिलाओं के लिए खास होता है। कहा जाता है कि आज के दिन महिलाएं यदि पीले या नारंगी रंग के वस्त्र धारण कर गाय के गोबर से बने प्रतिमा की पूजा करें तो इससे सुख समृद्धि में बढ़ोत्तरी होती है।
गोवर्धन पूजा के दिन आम तौर पर ब्रह्मचर्य नियम का पालन कर सात्विक भोजन का सेवन करना चाहिए। संभव हो तो भगवान श्रीकृष्ण के नामों का जप करें और सामर्थ्य के अनुसार गरीबों में दान करें। इस बात का ध्यान रखें कि आज के दिन किसी से वाद-विवाद न हो और मांस-मदिरा आदि वस्तुओं से दूरी बनी रहे। घर में गंदगी न रखें और गौमाता को परेशान न करें।
महिलाएं विशेष तौर पर आज काला वस्त्र धारण करने से बचें और ”श्री कृष्णाय वयं नुम: सच्चिदानंदरूपाय विश्वोत्पत्यादिहेतवे। तापत्रयविनाशाय श्रीकृष्णाय वयं नुम:।। ॐ देविकानन्दनाय विधमहे वासुदेवाय धीमहि तन्नो कृष्ण:प्रचोदयात” मंत्र का जाप करें।
गोवर्धन पूजा के शुभ मुहुर्त की बात करें तो ये 2 नवंबर की शाम 6 बजकर 30 मिनट से शुरू होकर रात 8 बजकर 45 मिनट तक है। ऐसे में उदया तिथि को ध्यान में रखते हुए ज्यादातर स्थानों पर गोवर्धन पूजा आज ही मनाया जा रहा है।