Goverdhan Pooja: दिवाली का त्यौहार मनाने के बाद ठीक उसके दूसरे दिन गोवर्धन पूजा की जाती है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिबद्ध तिथि को गोवर्धन की पूजा की जाती है। बता दें कि गोवर्धन पूजा को अन्नकूट के नाम से भी देशभर में जाना जाता है।
लेकिन इस बार दिवाली के दूसरे दिन की सुबह गोवर्धन पूजा नहीं की जा सकती। क्योंकि कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष के प्रतिपादक तिथि 13 नवंबर को दिन से शुरू हो रही है यानी की 2:56 से यह तिथि शुरू होगी। जोकि अगले दिन यानी की 14 नवंबर दिन के दोपहर 2:36 तक रहेगी।
गोवर्धन पूजा का शुभ समय
हिंदू मान्यताओं के अनुसार उड़िया तिथि को देखते हुए इस बार गोवर्धन पूजा 13 नवंबर को नहीं बल्कि 14 नवंबर यानि कि मंगलवार को की जाएगी। गोवर्धन पूजा करने का शुभ समय 14 नवंबर को माना जा रहा है।
बता दें कि मंगलवार की सुबह 6:43 से लेकर सुबह 8:52 तक गोवर्धन की पूजा के लिए सबसे ज्यादा शुभ समय माना जा रहा है। इस समय शुभ योग बन रहा है। गोवर्धन पूजा पर शोभन योग प्रातः काल से लेकर दोपहर 1:57 तक रहेगा।
गोवर्धन पूजा के दिन ना करें ये काम
गोवर्धन पूजा के दिन कभी भी अन्नकूट को कमरे में नहीं बनना चाहिए।
गोवर्धन पूजा वाले दिन गलती से भी चंद्रमा की तरफ नहीं देखना चाहिए।
गोवर्धन पूजा के देने गलती से भी आप गाय का पूजन ना करें इस दिन गाय का पूजन करना काफी ज्यादा शुभ माना जाता है।
गोवर्धन पूजा के दिनेश जब आप गोवर्धन के परिक्रमा लगाने जाएं तो ध्यान रखें कि आप गंदे कपड़े ना पहने।
परिवार के सभी सदस्य मिलकर गोवर्धन की पूजा करें अलग-अलग होकर पूजा करना काफी ज्यादा अशुभ माना जाता है।
गोवर्धन पूजा के दिन यह विशेष ध्यान रखें कि आप किसी भी जीव जंतु को परेशान या फिर नुकसान ना पहुंचाएं।
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