Hanuman Ji Ki Aarti: हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार पवन पुत्र वीर बजरंग बली महाराज को कलयुग का देवता माना गया है। मान्यता है कि वीर बजरंग बली की प्रार्थना करने से जीवन में व्याप्त दुखों से मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही यश, वैभव व बल की प्राप्ति भी होती है। लोगों से इसी क्रम में मंगलवार को हनुमान जी की अराधना करने के लिए कहा जाता है। ऐसे में आइए हम आपको यहां हनुमान जी की आरती (Hanuman Ji Ki Aarti) उपलब्ध कराते हैं जिससे कि आपकी पूजन प्रक्रिया संपन्न हो सके।
Hanuman Ji Ki Aarti
आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।
जाके बल से गिरिवर कांपे। रोग दोष जाके निकट न झांके।।
अंजनि पुत्र महाबलदायी। संतान के प्रभु सदा सहाई।।
दे बीरा रघुनाथ पठाए। लंका जारी सिया सुध लाए।।
लंका सो कोट समुद्र सी खाई। जात पवनसुत बार न लाई।।
लंका जारी असुर संहारे। सियारामजी के काज संवारे।।
लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे। आणि संजीवन प्राण उबारे।।
पैठी पताल तोरि जमकारे। अहिरावण की भुजा उखाड़े।।
बाएं भुजा असुर दल मारे। दाहिने भुजा संतजन तारे।।
सुर-नर-मुनि जन आरती उतारे। जै जै जै हनुमान उचारे।।
कंचन थार कपूर लौ छाई। आरती करत अंजना माई।।
जो हनुमानजी की आरती गावै। बसी बैकुंठ परमपद पावै।।
लंकविध्वंस कीन्ह रघुराई। तुलसीदास प्रभु कीरति गाई।।
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