HANUMANTESHWAR MANDIR: सावन का महीना शुरु हुए लगभग तीन हफ्ते हो चुके हैं। ऐसे में लोग शिव जी को प्रसन्न करने के लिए उनकी पूजा –पाठ आदि करते हैं। आजतक आपने शिवलिंग पर अभिषेक करने के लिए भक्तों को दूध, दही और जल चढ़ाते हुए देखा होगा। लेकिन अगर आपको कोई कहे कि पूरी दुनिया में एक ऐसा शिवलिंग भी है जहां पूजा के दौरान भक्त उन पर सरसों और तिल का तेल चढ़ाते हैं, आवश्य यह बात सुनकर आप सभी हैरान हो सकते हैं। तो इस बात पर यकीन करने के लिए आपको एक बार मध्य प्रदेश राज्य के उज्जैन शहर में स्थित श्री हनुमंतेश्वर मंदिर के दर्शन जरुर करने चाहिए। यहां पर होने वाली शिवजी की आरती देख आप लोगों को थोड़ी हैरानी भी हो सकती है। इसके अलावा भी इस मदिंर के कई सारे गुप्त राज हैं जिसके बारे में आपको इस आर्टिकल की मदद से जाननें को मिल सकता है।
श्री हनुमंतेश्वर महादेव का प्राचीन मंदिर
मध्य प्रदेश राज्य के उज्जैन में स्थित श्री हनुमंतेश्वर महादेव का मंदिर बहुत ही प्राचीन है। इस प्राचीन मंदिर की गिनती उज्जैन में स्थित कुल 84 महादेवों के मंदिर में होती है। जिसमें से इस मंदिर ने 79 वें स्थान पर अपनी जगह बनाई हुई है। यह मंदिर ओखलेश्वर के घाट पर स्थित है। यहां के पंडित पुजारी केदार मोड कहते हैं कि इस मंदिर की महिमा अत्यंत निराली है। यहां पर शिवलिंग का अभिषेक करते समय दूध और पानी की जगह भक्त सरसों और तिल का तेल चढ़ाते हैं और भगवान शिवजी की पूजा-अर्चना करते हैं। साथ ही भोग के दौरान शिवजी को तिल भी चढ़ाया जाता है। यहां पर भक्तों की द्वारा की गई पूजा-पाठ का फल उन्हें आवश्य ही मिलता है।
इन दिनों पर होती है खास पूजा
हनुमंतेश्वर महादेव मंदिर में भगवान शिवजी, माता पार्वनती ,श्री गणेश भगवान , नंदी भगवान और कार्तिक जी विराजमान है। इन सबके अलावा इस मंदिर में पंचमुखी हनुमान जी की सुंदर प्रतिमा भी मौजूद है जो इस मंदिर को और भी खास बनाती है। वैसे तो भक्त इस मंदिर में दर्शन करने के लिए किसी भी दिन आ सते हैं। लेकिन मंगलवार और शनिवार को हनुमान जी का दिन होने के चलते उस दिन आना विशेष रुप से अच्छा माना जाता है। इन सबके अलावा सावन के महीने , शिव नवरात्रि के नौ दिन, हनुमान जयंती और हनुमान अष्टमी के दिन यहां पूजा-अर्चाना काफी जोर-शोरों से की जाती है। इस मंदिर की एक खासियत यह भी है कि यहां पर कभी भी ताला नहीं लगाया जाता है। भक्त किसी भी समय भगवान शिवजी और हनुमन जी के दर्शन के लिए यहां पर आ सकते हैं।
जानें मंदिर से जुड़ी कुछ रोचक कहानी
वैसे तो यह मंदिर भगवान शिवजी की प्रतिमा के लिए भक्तों के बीच में बहुत प्रसिद्ध है। लेकिन इस मंदिर का नाम हनुमंतेश्वर रखने के पीछे की असली वजह कुछ और ही है। दरअसल जब पवन पुत्र हनुमान श्री राम के द्वारा युद्ध जीतने के बाद उनसे मिलने के लिए जा रहे थे, तो वह उनके लिए तोहफे के रुप में एक शिवलिंग साथ लेकर जा रह थे। उस दौरान हनुमान जी ने एक वन में कुछ समय रुककर शिवलिंग की पूजा की थी। माना जाता है कि उसके बाद से यहां पर हमेशा के लिए भगवान भोलेनाथ रहने लगे थे जिसके चलते उस जगह पर आज यह मंदिर बना हुआ है। भगवान शिवजी को यहां पर लाने वाले केवल हनुमान जी थे, इसी के चलते इस मंदिर का नाम हुनमान जी के नाम पर रखते हुए हनुमंतेश्वर रखा गया था।
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