Holi 2023: होली का त्योहार पूरे देश में खुशियों के साथ सेलिब्रेट किया जाता है। सभी लोग इस दिन को काफी बेहतरीन अंदाज से सेलिब्रेट करते हैं। वहीं बीकानेर की होली भी काफी फेमस है। दूर-दूर से यहां की होली देखने के लिए लोग आते हैं। मगर आपको एक बात जानकर हैरानी होगी कि पुष्करणा समाज के चोवटीया जोशी जाति के लोगों के घर में एक सप्ताह तक छौंक नहीं लगता है। इसके पीछे एक बहुत पुरानी कहानी है। बता दें, यहां के लोगों का कहना है कि होली से एक सप्ताह पहले यानी 27 फरवरी से 7 मार्च तक यहां के लोग अपने घर में सब्जी नहीं बनाते हैं। वहीं होली से जुड़ी किसी भी सामान को घर में लाना वर्जित है। इन दिनों इस घर की महिलाएं सिर्फ रोटियां बना सकती हैं। इसके पीछे एक बहुत बड़ा कारण है जिसे आज इस आर्टिकल में जानेंगे।
रिश्तेदार और दोस्त देते हैं खाना और गुलाल
बता दें, इस समाज में होली के दौरान घरों में सब्जी नहीं बनती है। इसलिए इनके रिश्तेदार या दोस्त जो दूसरी जाति के होते हैं वो सभी इनके लिए खाना और गुलाल लेकर आते हैं। ये परंपरा काफी समय से चलता आ रही है।
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जानें इसके पीछे का कारण
यहां के लोगों ने बताया कि ये परंपरा करीब 350 सालों से चलती आ रही है। उस समय में पोकरण के पास एक मांडवा नाम का गांव है। उस समय होलिका दहन के दिन एक औरत अपने साथ बच्चे को लिए होलिका दहन की परिक्रमा कर रही थी। वहीं परिक्रमा करने के दौरान उसका बच्चा हाथ से गिर गया। इस दौरान वो महिला अपने बच्चे को बचाने का प्रयास कर रही थी, जिसमें मां और बच्चे दोनों की मौत हो गई। इसलिए कभी भी जोशी जाति के लोग होलाष्टक से लेकर होलिका दहन तक घर में छौंक नहीं लगाते हैं। इसके अलावा यहां के लोगों का कहना है कि जोशी जाति के लोग देश के जिन भागों में हैं। वहां पर इस परंपरा को निभाते हैं।
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