Mahashivratri 2023:महाशिवरात्रि के दिन हिंदू धर्म के लोग भगवान शिव की पूजा करते है । यह दिन कालसर्प दोष शान्ति के लिए जाना जाता है। कालसर्प दोष से पीड़ित व्यक्ति अपने जीवन में किसी भी कमियाबी को हासिल नहीं कर पाता है। इसलिए समय रहते इस दोष को शांत करना जरूरी है। वहीं कुछ लोगों की कुंडली में इसके उल्ट कालसर्प दोष नहीं कालसर्प योग होता है । जो बहुत ही शुभ होता है और ऐसे व्यक्ति बहुत ही सौभाग्यशाली होते हैं। ऐसे में आइए जानते है कि कालसर्प दोष को शांत करने के लिए हमें किस तरह से पूजा करनी चाहिए।
राहु केतु के मध्य ग्रह आने पर
कालसर्प योग तब बनाता है जब किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु केतु के मध्य समस्त ग्रह आकर घूमने लगते हैं। ऐसे में वायक्ति हमेशा परेशान रहता है । घर की सुख शांति भी खत्म हो जाती है और आर्थिक तंगी बहुत परेशान करती है।
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शिव पूजा से दूर होगा कालसर्प दोष
सर्प को हिंदू धर्म में भगवान शिव के गले का हार माना जाता है ऐसे में इसकी पूजा करना काफी लाभकारी माना जाता है। अगर आपके जीवन में कालसर्प दोष है तो इसके लिए महाशिवरात्रि के दिन उज्जैन स्थित महाकालेश्वर या फिर नासिक स्थित त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग या फिर प्रयागराज स्थित तक्षकेश्वर महादेव मंदिर में विधि से पूजा करने पर यह दोष खत्म हो जाता है। वहीं कुछ ज्योतिष बताते हैं कि इस दिन भगवान शिव को चांदी के नाग और नागिन भी चढ़ाना चाहिए।
शिवरात्रि के दिन ऐसे करें पूजा
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर आप परेशान है और आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं तो आपको शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की विधि – विधान से पूजा करनी चाहिए। माना जाता है कि शिवरात्रि के दिन पूजा करते समय भगवान शिव को शमी पत्र चढ़ाकर महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए इससे शनि का प्रकोप कम होता है । शनि का प्रकोप ज्यादा है तो इस दिन रुद्राभिषेक करवाना चाहिए।
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