Amarnath Yatra 2023: अमरनाथ की यात्रा पूरे भारत ही नहीं दुनियाभर में बहुत ज्यादा मशहूर है। हिंदू धर्म के लोग इस अमरनाथ धाम को काफी मानते हैं। कहा जाता है कि अमरनाथ में एक गुफा है, जहां शिवजी से अपनी पत्नी माता पार्वती जी को अपने अमृत से जुड़े राज के बारे में बताया था। इसी वजह से इस जगह का नाम अमरनाथ रखा गया है। हर साल यहां पर शिवजी के लाखों भक्त उनके दर्शन के लिए काफी दूर से आते हैं। इस अमरनाथ को बाबा बर्फानी के नाम से भी जाना जाता है। इस साल इस यात्रा की शुरूआत जुलाई महीने की पहली तारीख से की जाएगी। लेकिन इस यात्रा में जाने पर कई लोगों को बहुत सी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। यह अमरनाथ का मंदिर जम्मू के ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों के बीच में स्थित हैं। ऐसे में यहां पर कई सारे आए भक्तों को सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। आज इस आर्टिकल के जरिए आपको यह जाननें को मिलेगा कि यदि कोई भक्त पहले से दिल से जुड़ी किसी भी प्रकार की बीमारी से लड़ रहा है, तो ऐसे में उन्हें वहां किस तरह की दिक्कतें हो सकती है।
यात्रा में जाने के लिए किस तरह से होता है चयन
जो भी भक्त इस अमरनाथ यात्रा में जाना चाहता है, उन्हें पहले अपने सभी मेडिकल टेस्टों को पास करना पड़ता है। यह यात्रा लगभग 2 महीने के करीब चलती है। ऐसे में जो लोग अच्छी तरह से स्वास्थ होते हैं, वहीं इस यात्रा में जा सकते है। फिलहाल इस यात्रा में जाने के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू हो गई है। कई बार जिन लोगों के मेडिकल टेस्ट में किसी भी तरह की कोई पेरशानी नहीं आती है , फिर भी वह जैस-जैसे पहाड़ों पर चढ़ना शुरू करते हैं , उन्हें सांस लेने में कई तरह की दिक्कतें आने लगती है।
इन तरह की बीमारियों का हो सकता है खतरा
जिन भी लोगों को हार्ट की पेरशानी हैं, उन्हें अमरनाथ की यात्रा करते वक्त कई तरह की परेशानी होने का रिस्क हो सकता है।
शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा का कम होना
जैसे-जैसे पहाड़ों की तरफ चढ़ाई करना शुरू करते हैं, तो ऑक्सीजन का लेवल बॉडी में कम होने लगता है। विशेषज्ञ डॉक्टर अजय कुमार का कहना है कि कम ऑक्सीजन वाले क्षेत्र में जाने से हार्ट को पंप करने में बहुत टाइम लगता है जिस कारण हार्ट अटैक जैसी दिक्कत देखने को मिल सकती है। जो लोग कमजोर होते हैं, उनकी उसी दौरान जान भी चली जाती है।
शरीर में थकावट अधिक महसूस होना
डॉ. दीपक का कहना है कि जिन लोगों की हार्ट से जुड़ी परेशानी है और दवाईंयां भी चल रही है उन्हें इस यात्रा में जाने से काफी खतरा हो सकता है। इस यात्रा में काफी चढ़ाई करनी होती है, जिसे करने से इंसान जल्दी से थक जाता है और उसका ब्लड प्रेशर भी ऊपर नीचे होने लगता है।
हार्ट अटैक का हो सकता है खतरा
कोविड के बाद से लोगों में बहुत ज्यादा सांस से जुड़ी हुई बीमारियां देखने को मिली हैं। ऐसे में जो लोग पहले से दिल से संबधित परेशानियों से लड़ रहे हैं। जब वह ऊचांई में जाना शुरू करते हैं तो उनके शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा में कमी होने लगती है। बदलते हुए मौसम को इंसान एकदम से सहन नहीं कर पाता है और उसे हार्टअटैक आने का खतरा बढ़ जाता है।
डिस्क्लेमर: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल जानकारी के रूप में लें। DNP News Network/Website/Writer इनकी पुष्टि नहीं करता है। इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
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