Kaal Sarp Dosh Upay: आपने अक्सर देखा होगा कि सपने में आपको सांप दिखाई देते हैं। इसके अलावा आपको सांप के काटने का डर लगा रहता है। यदि आपके साथ भी ऐसा होता है तो हो सकता है कि, आपकी कुंडली में ‘कालसर्प दोष’ हो। लेकिन सिर्फ सपने में सांप देखना ही कालसर्प दोष नहीं माना जाता है। बल्कि इसके और भी लक्षण होते हैं। वहीं, कई लोग सोचते है कि, कालसर्प दोष होता क्या है। तो चलिए जानते हैं कालसर्प दोष कब बनता है?…
ऐसा बताया जाता है कि, जब कोई व्यक्ति जन्म लेता है तो उस समय राहु-केतु एक-दूसरे के आमने-सामने होते हैं। वहीं, जब सातों ग्रह भी जब राहु-केतु के एक तरफ आ जाते हैं तो दूसरी तरफ कोई ग्रह नहीं होता है। जिससे कि राहु-केतु का नकारात्मक प्रभाव उस व्यक्ति की कुंडली पर पड़ जाता है। इसी स्थिति को कालसर्प दोष कहा जाता है। कुंडली में कालसर्प दोष होने से व्यक्ति अपनी प्रतिभा का पूरा उपयोग नहीं कर पाता और हमेशा परेशानी में रहता है।
‘कालसर्प दोष’ Kaal Sarp Dosh Upay
Kaal Sarp Dosh Upay: कालसर्प दोष करने के उपाय
बता दें कि, जिन लोगों की कुंडली में यह दोष होता है। उनका भाग्य पूरी तरीके से साथ नहीं दे पाता। जिससे उसे हर कदम पर असफलता ही हाथ लगती है। कालसर्प दोष के 12 प्रकर होते हैं। ऐसे में कई और ग्रह—नक्षत्र स्थितियों को देखकर ही इस बात का निर्धारण किया जा सकता है कि व्यक्ति कौन से प्रकार के कालसर्प दोष से पीड़ित है। तो चलिए जानते हैं कालसर्प दोष करने के उपायों को…
(Kaal Sarp Dosh Upay) शिवालय जाकर चढ़ाएं जल
जिनकी कुंडली में काल सर्प दोष होता है। उन्हें सोमवार के दिन भगवान भोलेनाथ को एक लौटे जल में गंगाजल मिलाकर जल चढ़ाना प्रारम्भ करना चाहिए। साथ ही महामृत्युज्य मंत्र का 108 बार जपते हुए लगातार सात दिन अभिषेक करना चाहिए। इस उपाय को करने से कालसर्प दोष से निजात मिल जाती है।
इस मंत्र का करें जाप (Upay)
इसके अलावा काल सर्प दोष से छुटकारा पाने के लिए व्यक्ति को घर में मोर पंख धारण किए भगवान श्री कृष्ण की प्रतिमा घर में स्थापित करनी चाहिए। साथ ही प्रतिदिन उनकी पूजा करनी चाहिए और ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का नियमित रूप से 108 बार उच्चारण करना चाहिए।
इन चीजों को चढ़ाएं शिवलिंग पर (Upay)
कालसर्प दोष वाले जातक को चांदी के सर्प का जोड़ा बनाकर, सोमवार, शिवरात्रि या नांगपंचमी को दूध में रखकर शिवलिंग पर चढ़ाने या अभिषेक करने से इस की छुटकारा मिल जाता है। इसके लिए आपको सर्व गायत्री का जाप करना चाहिए या महामृत्यंजय का जाप करना चाहिए। यदि आप ये स्वयं नहीं कर सकते तो यज्ञोपवीतधारी, सर्प गायत्री का जाप करने वाले ब्राह्मण से मंच जाप कराएं और अभिषेक करते जाएं।
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