Kalashtami Vrat 2023: हिंदू धर्म में हर दिन का विशेष महत्व है। हर दिन को विशेष दर्जा दिया गया है। वहीं हर महीने कालाष्टमी का व्रत और पूजा अर्चना किया जाता है। बता दें, वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी का व्रत रखा जाएगा और शंकर भगवान यानी काल भैरव की पूजा अर्चना की जाएगी। कहा जाता है, इस दिन काल भैरव की पूजा अर्चना करने से जीवन को सिद्धि की प्राप्ति होती है। वहीं उसे जीवन में किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होता है। तो आइए जानते हैं, इस बार कालाष्टमी की पूजा और व्रत कब रखा जाएगा।
इस बार कब रखा जाएगा कालाष्टमी का व्रत
आपको बता दें, हिन्दी पंचांग के अनुसार, इस बार वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी की पूजा अर्चना की जाएगी। इस बार ये शुभ दिन 13 अप्रैल को है। बता दें, इस दिन मध्य रात्रि में काल भैरव की पूजा अर्चना की जाएगी।
पूजा के लिए शुभ मुहूर्त का शुरुआत मध्य रात्रि में ही होगा। इसकी शुरुआत 13 अप्रैल की रात 11 बजकर 59 मिनट से होगी। वहीं इसका समापन रात 12 बजकर 44 मिनट तक रहेगा। इस मुहूर्त में कालाष्टमी की पूजा अर्चना करें।
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जानें कालाष्टमी की पूजा विधि
स्टेप 1: स्नान ध्यान करके पूजा पर बैठें।
स्टेप 2: भगवान के समक्ष धूप दीप जलाएं और उन्हें जल अर्पित करें।
स्टेप 3: अब पुष्प और प्रसाद अर्पित करें।
स्टेप 4: अब चालीसा पाठ और आरती से पूजा का समापन करें।
इस दिन भूलकर भी न करें ये काम
- काल भैरव जयंती के दिन झूठ बोलना गुनाह है।
- इस दिन किसी के साथ भी बुरा करने का मकसद न रखें।
- काल भैरव जयंती के दिन गुरु का अपमान न करें।
- कभी भी काल भैरव की पूजा अकेले न करें। इनके साथ माता पार्वती और भगवान शंकर की भी पूजा करें।
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