Makar Sankranti 2023: हिंदू धर्म में हर तीज त्योहारों का विशेष महत्व है। हर साल मकर संक्रांति का दिन बहुत धूम-धाम से मनाया जाता है। भारत के हर क्षेत्र में मकर संक्रांति को अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है। इस दिन अलग-अलग चीजों की मान्यता है। मान्यताओं के अनुसार इस दिन पतंग उड़ाने का भी रिवाज है।
मकर संक्रांति के दिन सभी लोग पतंग उड़ाते हैं। मगर लोगों को ये नहीं पता होगा कि पतंग उड़ाते क्यों हैं। इसलिए आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि मकर संक्रांति के दिन पतंग क्यों उड़ाते हैं। तो आइए जानते हैं।
आखिर क्यों मकर संक्रांति के दिन उड़ाते हैं पतंग
मकर संक्रांति के दिन पतंग उड़ाने का रिवाज है। इसे धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों चीजों से जोड़ा गया है। मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि पतंग उड़ाने की शुरुआत त्रेता युग में भगवान राम ने की थी। इसके बाद भगवान राम जो पतंग उड़ा रहे थे वो इंद्रलोक में चली गई थी। इसके बाद से ही मकर संक्रांति के दिन सभी लोग पतंग उड़ाया करते हैं। इस दिन से ही इस मान्यता की शुरुआत हुई थी।
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जानें वैज्ञानिक दृष्टिकोण से क्या है महत्व
पतंग उड़ाने की मान्यता को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी जोड़ा गया है। कहा जाता है कि मकर संक्रांति के दिन पतंग उड़ाने से सूर्य की शक्ति मिलती है। क्योंकि मकर संक्रांति का पर्व सर्दियों में मनाया जाता है। सर्दी के मौसम में सूर्य की रौशनी के अंदर रहना बेहद फायदेमंद माना गया है।
इसके अलावा कहा जाता है कि पतंग उड़ाने से हाथों की एक्सरसाइज भी होती है। ये स्वास्थ्य के लिए बहुत बेहतर माना गया है। इसलिए मकर संक्रांति के दिन पतंग उड़ाया जाता है। इसलिए हर वर्ष मकर संक्रांति के दिन मकर संक्रांति का त्योहार बेहद धूम-धाम से मनाया जाता है। इस दिन खुशियों के साथ पतंग उड़ाया जाता है। सभी लोग धूम की रौशनी में अपने परिवार और मित्र बंधु के साथ पतंग उड़ाते हैं।
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