Matsya Jayanti 2023: हिंदू धर्म में हर दिन का विशेष महत्व है। वहीं मत्स्य जयंती की पूजा की पूरे विधि-विधान से की जाती है। बता दें, प्रतिवर्ष चैत्र मास की शुक्लपक्ष की तृतीय तिथि को मत्स्य जयंती का त्योहार मनाते हैं। इस दिन सभी भक्त जन भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करते हैं। मान्यताओं के अनुसार, मत्स्य अवतार भगवान विष्णु ने जग के कल्याण के लिए लिया था। इसलिए हिंदू धर्म में इस दिन का विशेष महत्व है। सभी भक्त जन इस दिन को बेहद खास ढंग से मनाते हैं और भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करते हैं।
इस बार ये खास दिन 24 मार्च को मनाया जाएगा। इस दिन की शुरुआत 23 मार्च के दोपहर 12 बजकर 30 मिनट से शुरु हो रही है। वहीं इस दिन का समापन 24 मार्च को होगा। बता दें, हिंदू धर्म में उदय तिथि की मान्यता है। इसलिए व्रत 24 मार्च को ही रखा जाएगा। वहीं पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 24 मार्च सुबह 10 बजे से शाम 4 बजकर 15 मिनट तक है। इस मुहूर्त में पूजा करना बेहद शुभ होगा।
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इस पूजा विधि से करें भगवान विष्णु की पूजा
स्टेप 1: इस दिन सुबह स्नान करके सबसे पहले भगवान सूर्य को जल अर्पित करें।
स्टेप 2: इसके बाद व्रत का संकल्प लें और एक चौकी पर पीले रंग का वस्त्र बिछाएं और भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करें।
स्टेप 3: अब भगवान को पीले रंग का वस्त्र और फूल अर्पित करें।
स्टेप 4: अब भगवान को प्रसाद चढ़ाएं। इसके बाद कथा और आरती करें।
स्टेप 5: इसके बाद पूजा का समापन करें।
जानें इस खास दिन का महत्व
मान्यताओं के अनुसार, इस बार धरती पर प्रलय आया है। राक्षस हयग्रीव से पृथ्वी की रक्षा करने के लिए भगवान विष्णु का अवतार धारण किया था। इसलिए ये दिन सभी लोगों के लिए बेहद खास है। इस दिन सभी लोग गंगा स्नान करते हैं और भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करते हैं। कहा जाता है इस दिन भगवान की पूजा अर्चना करने से व्यक्ति के सभी पापों का अंत हो जाता है। इसके अलावा व्यक्ति की आयु के वृद्धि भी होती है। इसलिए सभी भक्तजन इस दिन भगवान की सच्ची भक्ति में लीन रहते हैं।
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