Navratri 2023:शारदीय नवरात्रि के नौ दिनों को माता अम्बे के 9 अद्भुत रूपों से चिन्हित किया जाता है। 20 अक्टूबर को इसका छठा दिन है जोकि देवी के दिव्य स्वरूप कात्यायनी से जुड़ा हुआ है। माता का ये रूप उनके भक्तों को अति प्रिय है, हिंदू मान्यताओं के अनुसार देवी के कात्यायनी स्वरूप ने ही रक्षा महिषासुर का संहार किया था। अगर सच्चे मन से उनको ध्यान कर नाम जप जाए तो जीवन के आधे से ज्यादा संकट खत्म हो जाते हैं। आज आपको देवी कात्यायनी के पूजन और मंत्र जाप की कुछ विधियां बताने जा रहे हैं।
कौन हैं माता कात्यायनी
यहां आपको बता दें कि नवरात्रि के छठे दिन माता कात्यायनी की पूजा का विधान बताया गया है। माता का ये स्वरूप काफी हर रूप की तरह कल्याणकारी है। इसमें माता चतुर्भुजाओ के साथ शेर पर बैठी हुई हैं,उनके एक हाथ में कमल का फूल है और दूसरे में तलवार है। वहीं बाकी दो हाथों से माता भक्तों को आशीर्वाद दे रही हैं। इनकी पूजा जाने से भक्तों में सकारात्मक ऊर्जा बहने लगती है, साथ ही हर तरह का दुख का नाश होता है। किस तरह करें माता की पूजा आइए जानते हैं।
माता कात्यायनी की पूजा की विधि
1.नवरात्रि के छठे दिन देवी कात्यायनी की पूजा के लिए सबसे पहले नहा धोकर तैयार हो जाएं।
2.घर के मंदिर को गंगाजल या गोमूत्र से साफ कर, माता की तस्वीर पर भी जल छिड़के।
3.माता के कात्यायनी रूप का स्मरण करते हुए तस्वीर पर रोली, कुमकुम, चंदन आदि से टीका लगाएं।
4.माता को लाल रंग अति प्रिय है इसलिए माता को लाल चुन्नी और गुड़हल के फलों की माला भी अर्पित कर सकते हैं।
5.धूप दीप जलाकर माता की आरती करें और दूसरे भगवानों की भी आरती गा सकते हैं।
6.देवी कात्यानी के रूप का ध्यान लगाते हुए उनसे अपने कष्ट कहें और जल्द ही उनके दूर होने की कामना करें।
7.इसमें दुर्गा चालिसा और देवी के मंत्र का 108 बार जाप भी कर सकते हैं।
जप करने के लिए माता के विशेष मंत्र
नवरात्रि में विशेष कृपा के लिए देवी के कस मंत्रों का जाप भी आप कर सकते हैं।
ॐ देवी कात्यायन्यै नमः॥
जय मां दुर्गे
जाए माता दी
जय मां आदिशक्ति
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