Navratri 2023: नवरात्रि के नौ दिनों में 9 अलग रूपों में आकर माता आदि जगदम्बा अपने हर भक्तों को दर्शन देती हैं. इन शुभ दिनों की शुरूआत 15 अक्टूबर से हो चुकी है जिसका आज पांचवा दिन है, देवी का हर रूप अपनेआप में खास है जोकि अलग तरह की ऊर्जाओं को दर्शाता है. पांचवे दिन माता दुर्गा के स्कंदमाता स्वरूप की पूजा की जाती है, देवी का यह रूप बेहद मनमोहक है जिसके दर्शन करने से संतान की प्राप्ति होती है साथ ही सारी नकारात्मकता का भी अंत होता है. ऐसे में किन खास तरह के मंत्रों और पूजा विधीयों से मां का आशीर्वाद पा सकते है इसके बारे में बताने जा रहे हैं।
स्कंदमाता का स्वरूप
नवरात्रि का पांचवा दिन माता स्कंदमाता से जुड़ा हुआ है यह रूप बेहद मनमोहक और भक्तों का कल्याण करने वाला है. इसमें देवी शेर की सवारी पर बैठी हुई दर्शन देती हैं, जिनके दो हाथों में कमल का फूल है. अपनी गोद में उन्होने कार्तिकेय को बैठाया हुआ है तो वहीं दूसरे हाथ से वो आशीर्वाद दे रही हैं. अस्त्र शस्त्र न होने से स्कंदमाता का रूप बेहद करूणमयी है. मान्यताओं के अनुसार संतान प्रप्ति की चाह रखने वाले भक्त मां की पूजा करके अपनी मुराद पूरी करते हैं.
इस तरह करें स्कंदमाता का पूजन
1.आपको बता दें कि देवी स्कंदमाता की पूजा करने के लिए सूरज की किरण निकलने से पहले ही स्नान कर तैयार हो जाएं.
2.घर और मंदिर को गंगाजल से शुद्ध करें और माता को स्नान करा कर कुमकुम, रोली का टीका लगाएं.
3.मन में स्कंदमाता के रूप का ध्यान करते हुए मुर्ति या तस्वीर पर फल, फूल, माला, मिठाई, श्रृंगार का सामान अर्पित करें.
4.शंख बजाकर देवी की आरती और चालिसा गाएं, आप चाहें तो व्रत आदि करने का भी संकल्प ले सकते हैं.
5.ओम देवी स्कंदमातायै नम:।।, जय मां दुर्गे, जय मां अम्बे आदि मंत्रों का भी जाप कर सकते हैं.
6.मन की मनोकामना देवी से मांगते हुए पूजा के बीच होई कोई भूलचुक की माफी भी माता से मांग लें. ऐसा करने से स्कंदमाता मन की मुरादें सुन लेती हैं और सभी पापों को भी काट देती हैं.
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