Navratri 2023: अब बस कुछ ही दिनों में माता रानी सभी के घर आने वाली हैं। जी हां कि इस बार शारदीय नवरात्र 15 अक्टूबर से शुरू होने जा रहे हैं, तो चलिए आपको बताते हैं कि इस नवरात्र में किस दिन कलश स्थापना करनी चाहिए क्या है इसका शुभ मुहूर्त।
15 नवंबर से शुरू होंगे शारदीय नवरात्र
पितृपक्ष खत्म होते ही उसके अगले दिन माता रानी का सभी के घरों में आगमन हो जाएगा यानी की 15 नवंबर से शारदीय नवरात्रों की शुरुआत हो रही है। इस दिन सबसे पहले कलश स्थापना की जाती है। इसलिए आज हम आपको बताएंगे की कलश स्थापना का कौन सा शुभ मुहूर्त है।
नवरात्र के पहले दिन माता शैलपुत्री की आराधना की जाती है। इसके साथ ही इसी दिन कलश स्थापना को भी काफी ज्यादा महत्वपूर्ण माना जाता है। कलश स्थापना हो या फिर कोई भी शुभ काम, हर चीज समय एवं तिथि देखकर ही किया जाना चाहिए।
इस साल कलश स्थापना के लिए नवरात्र के पहले दिन अर्थात प्रतिपदा तिथि में दिन का समय शुद्ध माना जाता है शारदीय नवरात्र में दुर्गा सप्तशती का पाठ करना तथा देवी चरित्र पाठ सुनना मनुष्य के लिए बहुत ज्यादा फलदायक होता है। इन सारी चीजों को करने से माता रानी की कृपा होती है।
कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
जानकारी के लिए बता दें की कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त प्रतिपदा होती है। इस साल प्रतिपदा तिथि का मान सूर्य उदय से रात में 11:52 तक है। लेकिन 15 अक्टूबर के दिन रविवार को सूर्यादय से ही आरंभ होकर रात 6:43 तक चित्रा नक्षत्र तथा दोपहर 11:56 तक वैधृति योग व्याप्त रहेगा।
इस तरह चित्रा नक्षत्र एवं वैधृति योग के सहयोग में कलश की स्थापना नहीं करनी चाहिए। इस कारण अभिजीत मुहूर्त में ही कलश की स्थापना करना फलदाई रहेगा। अभिजीत मुहूर्त सभी शुभ कार्यों के लिए अति उत्तम माना जाता है। जो प्रतिपदा के दिन 11:36 से 12:24 तक रहेगा।
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