Navratri 2024: सनातन परंपरा के महत्वपूर्ण पर्वों में से एक शारदीय नवरात्रि का पहर जारी है। बीतते समय के साथ आज यानी गुरुवार को नवरात्रि (Navratri 2024) का 8वां दिन है। नवरात्रि का ये 8वां दिन देवी दुर्गा की आठवी शक्ति ‘मां महागौरी’ को समर्पित है। मान्यता है कि मां महागौरी की अराधना करने से भक्तों को आर्थिक और मानसिक परेशानियों से मुक्ति मिलती है। ऐसे में आइए हम आपको ‘मां महागौरी’ की पूजन विधि, आरती और देवी की स्वरूप के बारे में विस्तार से बताते हैं।
Devi Mahagauri Pujan Vidhi Video ।। देवी महागौरी पूजन विधि वीडियो
देवी महागौरी की उपासना विधि ‘BHAKTI AAYAM’ यूट्यूब चैनल में प्रसारित वीडियो के आधार पर दी गई है। यदि आप धर्म से जुड़ी मान्यताओं को देखने और सुनने में दिलचस्पी रखते हैं तो ‘BHAKTI AAYAM’ चैनल से अवश्य जुड़ें।
देवी महागौरी का स्वरूप
देवी दुर्गा की आठवीं शक्ति के रूप में विख्यात मां महागौरी का स्वरूप अद्भुत है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, मां पार्वती ने शंकर जी को पति रूप में प्राप्त करने के लिए अपने पूर्व जन्म में कठोर तपस्या की थी तब जाकर भगवान शिव जी को पति स्वरूप प्राप्त किया था। शिव जी को पति रूप में प्राप्त करने के लिए मां ने जब कठोर तपस्या की थी तब मां गौरी का शरीर धूल मिट्टी से ढंककर मलिन यानि काला हो गया था। इसके बाद शंकर जी ने गंगाजल से मां का शरीर धोया था। तब गौरी जी का शरीर गौर व दैदीप्यमान (चमकता हुआ या ज्वलंत वैभव) हो गया। तब ये देवी महागौरी के नाम से विख्यात हुईं।
मां महागौरी की अराधना विधि
देवी दुर्गा की आठवीं शक्ति के रूप में विख्यात ‘मां महागौरी’ की अराधना नवरात्रि के आठवें दिन की जाती है। ऐसे में भक्त सर्वप्रथम सुबह उठ जाएं और स्नानादि कर साफ वस्त्र धारण कर लें। इसके बाद स्थापित कलश के निकट आसन बिछाएं और स्थिर बैठकर देवी का ध्यान करें। तत्पश्चात देवी के समक्ष दीप जलाकर उन्हें पुष्प और नैवेद्य अर्पित करें। इसके बाद मां महागौरी की अराधना मंत्र का जप करें और फिर आरती करें। इसके बाद देवी को प्रणाम कर आसन छोड़ सकते हैं।
मां महागौरी का पूजन मंत्र
मां महागौरी की पूजा करने से पहले कुछ खास मंत्रों के बारे में जानना अनिवार्य है।
प्रार्थना मंत्र– हे गौरि ! शंकरार्धांगि ! यथा त्वं शंकरप्रिया।
तथा मां कुरु कल्याणि कान्तकान्तां सुदुर्लभाम्।
श्वेते वृषे समरूढा श्वेताम्बराधरा शुचिः।
महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा।।
स्तोत्र मंत्र– सर्वसंकटहन्त्री त्वंहि धन ऐश्वर्य प्रदायनीम्।
ज्ञानदा चतुर्वेदमयी महागौरी प्रणमाम्यहम्॥
सुख शान्तिदात्री धन धान्य प्रदायनीम्।
डमरूवाद्य प्रिया अद्या महागौरी प्रणमाम्यहम्॥
त्रैलोक्यमङ्गल त्वंहि तापत्रय हारिणीम्।
वददम् चैतन्यमयी महागौरी प्रणमाम्यहम्॥
बीज मंत्र– श्री क्लीं ह्रीं वरदायै नम:।
धार्मिक मान्यता है कि नवरात्रि (Navratri 2024) में मां महागौरी की अराधना करने से भक्तों को आर्थिक व मानसिक परेशानियों से मुक्ति मिलती है। इसके अलावा भक्तों में शारीरिक क्षमता का विकास भी होता है। जो व्यक्ति संसार में प्रसिद्धि की चाह रखता है उसे मां महागौरी की पूजा करनी चाहिए। देवी की कृपा से उसे संसार में यश की प्राप्ति होगी। देवी महागौरी में सृजन की अपार शक्ति है और वो जीवन प्रदान करने वाली माता भी हैं।
देवी महागौरी की आरती
देवी महागौरी की आरती इस प्रकार है-
जय महागौरी जगत की माया।
जय उमा भवानी जय महामाया॥
हरिद्वार कनखल के पासा।
महागौरी तेरा वहा निवास॥
चन्द्रकली और ममता अम्बे।
जय शक्ति जय जय मां जगदम्बे॥
भीमा देवी विमला माता।
कौशिक देवी जग विख्यता॥
हिमाचल के घर गौरी रूप तेरा।
महाकाली दुर्गा है स्वरूप तेरा॥
सती (सत) हवन कुंड में था जलाया।
उसी धुएं ने रूप काली बनाया॥
बना धर्म सिंह जो सवारी में आया।
तो शंकर ने त्रिशूल अपना दिखाया॥
तभी मां ने महागौरी नाम पाया।
शरण आनेवाले का संकट मिटाया॥
शनिवार को तेरी पूजा जो करता।
मां बिगड़ा हुआ काम उसका सुधरता॥
भक्त बोलो तो सोच तुम क्या रहे हो।
महागौरी मां तेरी हरदम ही जय हो॥
डिस्क्लेमर– यह सूचना सिर्फ मान्यताओं और इंटरनेट पर मिलने वाली जानकारी के आधार पर दी गई है। डीएनपी न्यूज नेटवर्क/लेखक किसी भी तरह की मान्यता व जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।