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Navratri 2024 को लेकर सतर्क हुई MP सरकार! CM Mohan Yadav ने उच्च अधिकारियों को जारी किया खास निर्देश; पढ़ें पूरी रिपोर्ट

Navratri 2024: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री Mohan Yadav ने नवरात्रि शुरू होने से पूर्व सभी तरह के इंतजाम को लेकर सख्त निर्देश दिए हैं।

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Navratri 2024
सांकेतिक तस्वीर

Navratri 2024: अराध्य देवी मां दुर्गा को समर्पित शारदीय नवरात्रि का पहर हर साल आश्विन मास में शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि से प्रारंभ होता है। ऐसे में इस वर्ष भी नवरात्रि (Navratri 2024) को लेकर आपके मन में कई तरह के सवाल होंगे। जैसे कि नवरात्रि का पहर किस तारीख से शुरू होगा? नवरात्रि दशहरा कब है? नवरात्रि दुर्गा अष्टमी कब है जैसे सवाल? बता दें कि 3 अक्टूबर 2024 से नवरात्रि की शुरुआत हो रही है जिसका समापन शनिवार 12 अक्टूबर 2024 को होगा। वहीं 11 अक्टूबर को दुर्गा अष्टमी पूजन और 12 अक्टूबर को दशहरा मनाया जाएगा।

नवरात्रि (Navratri) से पूर्व मां दुर्गा के मदिरों में पूजा-पाठ के लिए तमाम तरह के इंतजाम किए जाते हैं ताकि भक्त इस खंड-काल के दौरान अपनी भक्ति भावना अर्पित कर सकें। मध्य प्रदेश सरकार (MP) भी इसी क्रम में नवरात्रि शुरू होने से पूर्व सतर्क हो गई है और मुख्यमंत्री मोहन यादव (CM Mohan Yadav) ने मंदिरों में तरह-तरह के इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं।

MP सरकार ने जारी किए खास निर्देश

मध्य प्रदेश सरकार ने शारदीय नवरात्रि (Shardiya Navratri) शुरू होने से पूर्व उच्चाधिकारियों को मंदिरों में खास इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं। सीएम मोहन यादव की ओर से स्पष्ट किया गया है कि ”नवरात्रि का त्योहार आने वाला है। इस क्रम में मुख्य सचिव के माध्यम से सभी जिला प्रशासन को मंदिरों में पर्याप्त व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। प्रशासन को निर्देशित किया है जो निर्माण कार्य चल रहे हैं उनकी गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए पूर्व-निर्धारित योजनाओं की निगरानी की जाए। साथ ही, राज्य में आने वाले श्रद्धालुओं को सभी सुविधाएं सुनिश्चित करने के प्रयास किए जा रहे हैं ताकि उन्हें असुविधा का सामना न करना पड़े और सभी धार्मिक स्थलों पर सभी व्यवस्थाएं की जाएं।”

शारदीय नवरात्रि का महत्व

सनातन संस्कृति में शारदीय नवरात्रि (Shardiya Navratri 2024) का बेहद खास महत्व है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस पर्व के प्रारंभ होने के साथ पितृगण धरती से लौटते हैं और मां दुर्गा अपने परिवार और गणों के साथ पृथ्वी पर आती हैं। इस दौरान 9 दिनों में आदिशक्ति जगदम्बा के अलग-अलग रूप का पूजन किया जाता है। इसमें मां शैलपुत्री, मां ब्रह्मचारिणी, मां चंद्रघंटा, मां कूष्मांडा, मां स्कंदमाता, मां कात्यायनी, मां कालरात्रि, मां सिद्धिदात्री और मां महागौरी जैसे स्वरूप शामिल हैं। मान्यता है कि आदिशक्ति जगदम्बा के हर स्वरूप की अलग महिमा होती है और पूजन करने से हमारी मनोकामना पूरी होती है।

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