Navratri 2024: आज शारदीय नवरात्रि का दूसरा दिवस है। इस दिन देवी दुर्गा के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा की जाती है। मां ब्रह्मचारिणी का स्वरूप देवी के नौ शक्तियों में से दूसरी शक्ति हैं। देवी का ये रूप ज्योर्तिमय है। मान्यता है कि ब्रह्मा की इच्छाशक्ति और तपस्विनी का आचरण करने वाली मां ब्रह्मचारिणी त्याग की प्रतिमूर्ति हैं। (Navratri 2024)
Devi Brahmacharini Pujan Vidhi Video ।। देवी ब्रह्मचारिणी पूजन विधि वीडियो
देवी ब्रह्मचारिणी की उपासना विधि ‘BHAKTI AAYAM’ यूट्यूब चैनल में प्रसारित वीडियो के आधार पर दी गई है। यदि आप धर्म से जुड़ी मान्यताओं को देखने और सुनने में दिलचस्पी रखते हैं तो ‘BHAKTI AAYAM’ चैनल से अवश्य जुड़ें।
मां ब्रह्मचारिणी का स्वरूप विवरण
नवरात्रि के दूसरे दिवस पर पूजी जाने वाली मां ब्रह्मचारिणी का स्वरूप अद्भुत है। देवी ब्रह्मचारिणी साक्षात ब्रह्म का स्वरूप हैं अर्थात तपस्या का मूर्तिमान रूप हैं। ब्रह्म का मतलब तपस्या होता है, तो वहीं चारिणी का मतलब आचरण करने वाली। इस तरह ब्रह्माचारिणी का अर्थ है- तप का आचरण करने वाली देवी। मां ब्रह्माचारिणी के दाहिने हाथ में मंत्र जपने की माला और बाएं में कमंडल है।
मां ब्रह्मचारिणी की पूजन विधि
नवरात्रि के दूसरे दिवस पर पूजी जाने वाली मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने के लिए ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान-ध्यान कर लें। इसके बाद पूजन स्थान पर आसन बिछाएं और स्थिरता से बैठकर माता की अराधना करें। देवी मां को पुष्प, अक्षत, रोड़ी, चंदन, पान, सुपारी, लौंग आदि चढ़ाएं और भोगस्वरूप पंचामृत के साथ नैवेद्य का भोग लगाएं। इसके उपरांत पाठ पूरा कर देवी ब्रह्मचारिणी मां के मंत्रों का जाप करें और फिर मां की आरती करें।
देवी ब्रह्मचारिणी का पूजन मंत्र
देवी ब्रह्माचारिणी की पूजा कुछ खास मंत्रों के जप के साथ की जाती है। इसमें प्रमुख है-
या देवी सर्वभूतेषु माँ ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
दधाना कर पद्माभ्याम अक्षमाला कमण्डलू।
देवी प्रसीदतु मई ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।।
इसके अतिरिक्त मां ब्रह्मचारिणी की अराधना बीज मंत्र ‘ऊं ह्री श्री अम्बिकायै नमः’ का जप करें। इस मंत्र का जप करने से माता प्रसन्न होती हैं और भक्तों को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। धार्मिक मान्यता है कि मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार, और संयम की वृद्धि होती है। देवी की कृपा से जीवन की समस्याएं और परेशानियां भी दूर होती हैं। मां ब्रह्मचारिणी भक्तों को धन दौलत,संतान, बुद्धि, विद्या वृद्धि का भी आशीर्वाद देती हैं।
Devi Brahmacharini Aarti Hindi Lyrics।। देवी ब्रह्मचारिणी आरती हिंदी लीरिक्स
देवी ब्रह्माचारिणी की आरती इस प्रकार हैं-
जय अंबे ब्रह्माचारिणी माता।
जय चतुरानन प्रिय सुख दाता।
ब्रह्मा जी के मन भाती हो।
ज्ञान सभी को सिखलाती हो।
ब्रह्मा मंत्र है जाप तुम्हारा।
जिसको जपे सकल संसारा।
जय गायत्री वेद की माता।
जो मन निस दिन तुम्हें ध्याता।
कमी कोई रहने न पाए।
कोई भी दुख सहने न पाए।
उसकी विरति रहे ठिकाने।
जो तेरी महिमा को जाने।
रुद्राक्ष की माला ले कर।
जपे जो मंत्र श्रद्धा दे कर।
आलस छोड़ करे गुणगाना।
मां तुम उसको सुख पहुंचाना।
ब्रह्माचारिणी तेरो नाम।
पूर्ण करो सब मेरे काम।
भक्त तेरे चरणों का पुजारी।
रखना लाज मेरी महतारी।
आरती के पश्चात माता को प्रणाम कर प्रसाद ग्रहण करें और अपनी दैनिक दिनचर्या में लगें।