Pitru Paksha 2023: हमारे जिन पूर्वजों का देहांत हो गया है उन्हें हम पितृ कहते हैं। ऐसी मान्यता है कि पितृपक्ष के दौरान हमारे पूर्वज धरती पर आते हैं। और हमें आशीर्वाद देते है। पितृपक्ष में पशु-पक्षियों को भोजन करने की परंपरा है। क्या आप जानते है इस दिन पशु-पक्षिओं को भोजन क्यों खिलाया जाता है। और कौन से जानवर को खाने का हिस्सा दिया जाता है। और उन्हें खाना देने के पीछे की क्या वजह है? यदि नहीं तो आज हम आपको इन सभी सवालों का जवाब आपको देने वालें हैं। तो चलिए जानते हैं आखिर क्यों पितृपक्ष के दौरान पशु पक्षियों को खाना खिलाया जाता है।
इन जीवों के लिए रखा जाता है भोजन का हिस्सा
भाद्रपद मास के पूर्णिमा तिथि से पितृपक्ष की शुरुआत होती है जिसका अंत आश्विन मास के अमावस तिथि को होता है। इस बार 29 सितंबर से पितृपक्ष की शुरुआत होने वाली है। जो की 14 अक्टूबर को समाप्त होगी। इस दौरान पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध कर्म किया जाता है।
ऐसी मान्यता है कि हमारे पूर्वज पशु-पक्षियों के रूप में धरती लोक पर आकर हमें आशीर्वाद देते हैं। इस वजह से पितृपक्ष के दौरान पशु पक्षियों को भोजन कराया जाता है। आपको बता दे कि पितृपक्ष के दौरान जब श्राद्ध कर्म किए जाते है तब पितृ के लिए जो खाना तैयार किया जाता है उसके पांच हिस्सों को कुत्ता, चींटी, कौवा,गाय और देवताओं के लिए अलग करके रख दिया जाता है।
क्या है भोजन के 5 हिस्सों में अलग करने का कारण
जब श्राद्ध कर्म किया जाता है तो पितरों के लिए रखे गए भोजन के पांच हिस्सों को कुत्ते, गाय, चिटी, कोवा और देवताओं के लिए निकला जाता है। तभी श्राद्ध कर्म पूरा माना जाता है। यह सभी जीव पांच तत्वों वायु, जल,अग्नि, पृथ्वी और आकाश के प्रतीक माने जाते हैं। इन जीवों को भोजन का हिस्सा खिलाकर हम इन पांच तत्त्वों वायु, जल,अग्नि, पृथ्वी और आकाश के प्रति अपना आभार जताते हैं।
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