Pitru Paksha Puja 2023: हिंदू धर्म में कई ऐसे संस्कार हैं जिनका करना बहुत ही ज्यादा शुभ और महत्वपूर्ण माना जाता है उनमें से एक पिंडदान संस्कार है। यह संस्कार हमारे पूर्वजों को मोक्ष प्राप्ति के लिए किया जाता है।
हिंदू परंपराओं के अनुसार पितृपक्ष की अवधि में मरने वाले रिश्तेदार या फिर पूर्वज को पिंडदान करना बहुत ही ज्यादा शुभ माना जाता है। पौराणिक कथाओं में दावा किया गया है कि कई कार्यो में मृतकों की आत्माओं को सम्मान देने के लिए पिंडदान शुभ प्रथा है।
आज के हम अपने आर्टिकल में आपको बताते हैं कि देश में वह कौन-से हिस्से हैं। जहां पर पिंडदान करना बेहद ही शुभ माना जाता है।
ब्रह्म कपाल, उत्तराखंड
अगर आपको पिंडदान करने के लिए जाना है तो आप ब्रह्म कपाल स्थान को चुन सकते हैं। क्योंकि यह अपने सूरम्य परिवेश और एक पवित्र स्थल होने के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है। हजारों लोग पितृपक्ष के अवसर पर पिंडदान करने के लिए उत्तराखंड के ब्रह्म कपाल की यात्रा करते हैं जोकि बद्रीनाथ मंदिर के पास है।
त्रिवेणी संगम, प्रयागराज
जिस तरह से हरिद्वार और वाराणसी पिंडदान के लिए पूरे भारत में प्रसिद्ध है। इस तरह प्रयागराज के त्रिवेणी संगम को भी पिंडदान के लिए एक पवित्र स्थल माना जाता है। भारत की तीन सबसे पवित्र नदियां गंगा, यमुना और सरस्वती का यहां पर संगम होता है। इसीलिए इसे त्रिवेणी के नाम से जाना जाता है।
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