Pradosh Vrat 2023: 4 जुलाई से सावन मास की शुरुआत हुई है। ऐसे में आपको बता दें कि, इस महीने में 30 जुलाई को अधिक मास का पहला प्रदोष व्रत रखा जाएगा। हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत की काफी मान्यता है। इस व्रत के दौरान भक्त भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा अर्चना करते हैं। ऐसा माना जाता है कि, अगर आप इस दिन भगवान शिव की सच्चे मन से आराधना करेंगे तो उनकी असीम कृपा आप पर बरसेगी। इसी के साथ इस दिन मानी गई सभी मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं। ऐसे में इस आर्टिकल के जरिए आज हम आपको अधिक मास में पढ़ने वाले प्रदोष व्रत के बारे में बताने जा रहे हैं।
प्रदोष व्रत की पूजा के लिए शुभ मुहर्त
30 जुलाई को प्रदोष व्रत के साथ रविवार का दिन भी पड़ रहा है। ऐसे में आपको बता दें ,जो प्रदोष व्रत रविवार के दिन पड़ता है उसे रवि प्रदोष व्रत कहा जाता है। इस दिन भगवान शिव के साथ सूर्य देव की भी आराधना की जाती है। ऐसे में अगर इस व्रत के शुभ मुहूर्त की बात की जाए तो, इस व्रत की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 30 जुलाई को सुबह 10: 34 मिनट से शुरू हो रहा है। वही इसकी समाप्ति 31 जुलाई को सुबह 7:26 मिनट पर होएगी। 30 जुलाई को पढ़ रहे प्रदोष व्रत के दौरान दो बड़े सहयोग बन रहे हैं जो काफी शुभ बताए जा रहे हैं।
इस तरह करें पूजा अर्चना
दो शुभ योगों में से एक सर्वार्थ सिद्धि योग और दूसरा रविवार योग है। सर्वार्थ सिद्धि योग की बात की जाए तो यह सुबह 5:01 से शुरू होगा जो रात 9:02 तक रहेगा। वही रवि योग 30 जुलाई को 9:32 से शुरू होकर 31 जुलाई सुबह 5:32 पर खत्म होगा। प्रदोष व्रत की पूजा के लिए सबसे पहले आप सुबह जल्दी उठ कर नहा धोकर साफ कपड़े पहने। इसके बाद आप भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा आराधना के साथ सूर्य देव की भी पूजा करें।इसी के साथ आप मंदिर में जाकर शिवलिंग पर गंगाजल से अभिषेक करें।
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