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Premanand Maharaj: परमशांति की है इच्छा है तो कर लें ये छोटा सा काम, गौ माता को लेकर गुरु प्रेमानंद की सलाह खूब काम आएगी

Premanand Maharaj: सनातन धर्म में गौ सेवा का अपना अलग महत्व है। गौ सेवा को लेकर लोगों के मन में तमाम तरह के सवाल भी होते हैं। ऐसे में कुछ सवालों का जवाब गुरु प्रेमानंद के उपदेश के जरिए देने की कोशिश की जाएगी।

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Premanand Maharaj
सांकेतिक तस्वीर

Premanand Maharaj: ‘गाय को बचाना पड़ेगा, गाय के बिना कुछ भी नहीं है।’ ये कहना है उस शख्य का जो गेरुआ वस्त्र धारण कर गौ रक्षा हेतु यात्रा पर निकलता है। दिन में धूप रात की सर्द हवाएं झेलते शख्य लोगों को गौ रक्षा करने के लिए जागरुक करता है। इस शख्स की मुलाकात गुरु प्रेमानंद महाराज भी हो जाती है। शख्य के इस प्रयास को देख प्रेमानंद महाराज (Premanand Maharaj) अत्यंत प्रसन्न भाव में नजर आते हैं। सबसे पहले प्रेमानंद महाराज गौ रक्षा के लिए किए जा रहे इस प्रयास की सराहना करते हैं। इसके बाद सनातन धर्म में गौ सेवा के महत्व और परमशांति हेतु कुछ उपाय बताते नजर आते हैं। ऐसे में आइए हम आपको गौ सेवा और गौ माता की रक्षा को लेकर दिए गए गुरु प्रेमानंद (Guru Premanand) महाराज के उपदेशों के बारे में विस्तार से बताते हैं।

परमशांति की है इच्छा है तो करें Premanand Maharaj द्वारा बताया छोटा सा काम!

गुरु प्रेमानंद महाराज गौ सेवा को पवित्र कार्यों में से एक मानते हैं। ‘भजन मार्ग’ के आधिकारिक इंस्टाग्राम हैंडल से एक वीडियो जारी किया गया है जिसमें प्रेमानंद महाराज ‘गौ सेवा’ को लेकर उपदेश देते नजर आ रहे हैं।

यहां देखें वीडियो

प्रेमानंद महाराज (Premanand Maharaj) का कहना है कि “गौ रक्षा के लिए सबको जागरुक होना पड़ेगा। ये किसी एक व्यक्ति का विषय नहीं है। सबसे पहले जितने गौ हत्या वाले स्थान बने हैं उन पर निषेध किया जाए। हर किसान, हर व्यक्ति गौ सेवा के लिए कुछ न कुछ निकाले। बड़ी-बड़ी गौ शालाएं हों और गौ माता की सेवा हो।”

प्रेमानंद महाराज (Premanand Maharaj) का कहना है कि “गौ हमारे सनातन धर्म का मूल है, कामधेनु है। समस्त कामनाओं को पूर्ण करने वाली है। बिडंबना ये है कि हम बात तो करते हैं गौ सेवा कि, लेकिन कोई बिरला ही हृदय से गौ सेवा चाहता है। गौ सेवा के द्वारा हम अपनी वासनाओं की पूर्ति करने लगते हैं, लेकिन अगर हम कट्टरतापूर्वक अपने धर्म में चलें, धर्म का पालन करें तो सर्वत्र विजय होती है। भगवान और धर्म एक ही वस्तु हैं, हमारे अराध्य भगवान श्री कृष्ण देव जी ने भी गौ चराई, गौ सेवा की। गौ जिसके घर में है, परमशांति या परमानंद की प्राप्ति हो, ये भी भगवान का नाम जप करते हुए धर्मपूर्वक सेवा होती है।”

गौ रक्षा के लिए सदैव आवाज उठाते हुए गुरु प्रेमानंद महाराज

गौरतलब है कि गुरु प्रेमानंद सदैव ‘गौ रक्षा’ को लेकर आवाज बुलंद करते रहे हैं। आश्रम में पहुंचने वाले भक्त हों या मार्ग पर प्रेमानंद महाराज के दर्शन के लिए उमड़ी भीड़, वे सदैव लोगों से गौ सेवा और गौ रक्षा करने की सलाह देते हैं। प्रेमानंद महाराज का मानना है कि गौ सनातन धर्म का मूल है, कामधेनु है। ऐसे में गौ सेवा करने से लोगों के सभी कामना पूर्ण हो सकते हैं। खास बात ये है कि गौ सेवा का काम भगवान के नाम का जप करने के साथ भी किया जा सकता है जिससे उत्तम फल की प्राप्ति हो सकती है।

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