Friday, October 18, 2024
Homeख़ास खबरेंPremanand Maharaj का दावा! 'ॐ नमः शिवाय' के बजाय इस खास मंत्र...

Premanand Maharaj का दावा! ‘ॐ नमः शिवाय’ के बजाय इस खास मंत्र को जपने से भक्तों का हो सकता है कल्याण

Date:

Related stories

Valmiki Jayanti 2024: महर्षि वाल्मिकी का आध्यात्मिकता और दर्शन पर प्रभाव क्यों है अहम?

Valmiki Jayanti 2024: महाकाव्य व पवित्र ग्रंथ के रूप में देश-दुनिया में अपनी छाप छोड़ चुके रामायण का जिक्र होते ही महर्षि वाल्मीकि का नाम सामने आता है। महर्षि वाल्मिकी ने ही इस महाकाव्य की रचना की थी।

World Students Day 2024 से क्यों है A. P. J. Abdul Kalam का खास जुड़ाव? जानें पूर्व राष्ट्रपति के अनमोल विचार

A. P. J. Abdul Kalam: देश-दुनिया के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग पाठ्यक्रमों का अध्ययन कर रहे छात्रों के लिए आज का दिन बेहद खास है। आज विश्व छात्र दिवस (World Students Day 2024) मनाया जा रहा है।

Ancient Indian DNA: अब होगा दूध का दूध और पानी का पानी! अब पता चलेगा भारतीय डीएनए का सच, सरकार ने शुरू कराई शोध

Ancient Indian DNA: प्राचीन भारतीय समुदाय के इतिहास और विरासत का पता लगाने के लिए भारत सरकार की ओर से एक शोध किए जाने की खबर है। इस शोध (रीसर्च) के माध्यम से ये पता लगाया जाएगा कि प्राचीन समय (Ancient Indian DNA) में लोग कहां से आए?

Lebanon में हुए पेजर अटैक से मची सनसनी! मृतकों की संख्या में जबरदस्त इजाफा, जानें हमलों के बाद क्यों उछल रहा Israel का नाम?

Hezbollah Pager Explosions: पश्चिमी एशिया में भूमध्य सागर के पूर्वी तट पर स्थित लेबनान बीते दिन जबरदस्त धमाकों से दहल उठा। दरअसल लेबनान के अलग-अलग हिस्सों में बीते दिन की दोपहर हिजबुल्लाह पर कुसल षड़यंत्र के तहत हमला हुआ और उनके पेजर ब्लास्ट कर गए।

Sawan 2024: क्या सावन के दिनों में शारीरिक संबंध बनाना है अशुभ? जानें शास्त्रीय मान्यता व अन्य नियम

Sawan 2024: 22 जुलाई 2024, यानी आगामी कल से पवित्र सावन महीने की शुरुआत हो रही है। इस दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में लोग भगवान भोलेनाथ की अराधना में पूरी तरह से लीन हो जाएंगे।

Premanand Maharaj: आधुनिकता के इस दौर में भी अध्यात्म में रुचि लेने वालों की कमी नहीं है। यही वजह है कि सोशल मीडिया के तमाम प्लेटफॉर्म पर अध्यात्मिक गुरुओं के दावे और उनकी कही बातों को लोग बेहद गंभीरता से लेते हैं और ज्यादातर उन पर अमल भी करते हैं। हिंदू अध्यात्म की बात करें तो आध्यात्मिक गुरु, संत व दार्शनिक के रूप में लोकप्रियता हासिल कर चुके ‘प्रेमानंद महाराज’ (Premanand Maharaj) का नाम सोशल मीडिया पर सुर्खियों में रहता है और उनके द्वारा किए गए दावों को लेकर खूब चर्चाएं होती हैं।

सोशल मीडिया पर उनके द्वारा कही गई एक बात तेजी से वायरल हो रही है जिसमें वो कुछ शिवभक्तों को ‘ॐ नमः शिवाय’ के बजाय ‘सांब सदाशिव’ मंत्र जपने की सलाह दे रहे हैं। ऐसे में आइए हम आपको इस पूरे प्रकरण के बारे में विस्तार से बताते हैं और साथ ही ये भी बताते हैं कि ‘सांब सदाशिव’ मंत्र किसे जपने को कहा जा रहा है। (Premanand Maharaj)

Premanand Maharaj का दावा!

हिंदू आध्यात्मिक गुरु, संत व दार्शनिक ‘प्रेमानंद महाराज’ द्वारा की गई बात-चीत का एक अंश सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल है जिसमें वो कुछ शिवभक्तों से ‘ॐ नमः शिवाय’ के बजाय ‘सांब सदाशिव’ मंत्र जपने को कहते सुने जा सकते हैं। प्रेमानंद महाराज की मानें तो ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जप ‘गुरु मंत्र’ लेने के पश्चात ही करना चाहिए अन्यथा यह नकारात्मकता की भाव को और पुष्ट कर देगा।

प्रमानंद महाराज का कहना है कि वैदिक मंत्र गुरु पद्धति से ही जपना चाहिए। ऐसे मनमाने ढंग से नहीं जपना चाहिए जैसे लोग आजकल जप रहे हैं। प्रेमानंद मराहाज ने लोगों को सलाह दी है कि ‘गुरु मंत्र’ न लेने वाले लोग ‘ॐ नमः शिवाय’ के बजाय ‘सांब सदाशिव-सांब सदाशिव’ मंत्र का जप कर सकते हैं।

‘सांब सदाशिव’ मंत्र का अर्थ

‘सांब सदाशिव’ मंत्र के अर्थ को समझना बेहद अहम है। इसका अर्थ है ‘माता अंबा (पार्वती) के साथ भगवान शिव’ यानि ”सांब सदाशिव” का उच्चारण कर लोग भगवान भोलेनाथ और मां पार्वती को एक साथ भजते हैं और उनकी प्रार्थना करते हैं। मान्यता है कि ‘सांब सदाशिव’ का उच्चारण करने से भक्तों को आंतरिक शांति और स्थिरता मिलती है और साथ ही सकारात्मक ऊर्जा आपकी तरफ आकर्षित होती है। इस मंत्र का जप करने से शारीरिक और मानसिक कल्याण में भी सुधार होता है और लोग नकारात्मकता की भाव से बचे रहते हैं।

‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का अर्थ

‘ॐ नमः शिवाय’ में ‘ॐ’ शब्द का अर्थ है ब्रह्मांड, ‘नम:’ का नमन करना और ‘शिवाय’ का तात्पर्य भगवान भोलेनाथ से है। ऐसे में ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का आशय है कि अर्थ है ‘मैं शिव को नमन करता हूं।’ धार्मिक मान्यता है कि इस मंत्र का जप करने से शरीर में नई ऊर्जा का प्रवाह तेज होता है और व्यक्ति में साहस और उत्साह से भर जाता है। इसके अलावा इसको जपने से तनाव भी कम होता है और लोगों को इंद्रियों पर नियंत्रण पाने में मदद मिलती है। हालाकि ‘प्रेमानंद महाराज’ की मानें तो इस मंत्र का जप ‘गुरु मंत्र’ लेने के पश्चात ही करना चाहिए अन्यथा यह नकारात्मकता की भाव को और पुष्ट कर सकता है।

डिस्क्लेमर– यह सूचना लोगों को सामान्य जानकारी के लिए सिर्फ मान्यताओं और इंटरनेट पर मिलने वाली जानकारी के आधार पर दी गई है। डीएनपी न्यूज नेटवर्क/लेखक किसी भी तरह की मान्यता व जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। ऐसे में आप किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से अवश्य सलाह लें।

देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘DNP INDIA’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOKINSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।

Gaurav Dixit
Gaurav Dixithttp://www.dnpindiahindi.in
गौरव दीक्षित पत्रकारिता जगत के उभरते हुए चेहरा हैं। उन्होनें चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से अपनी पत्रकारिता की डिग्री प्राप्त की है। गौरव राजनीति, ऑटो और टेक संबंघी विषयों पर लिखने में रुची रखते हैं। गौरव पिछले दो वर्षों के दौरान कई प्रतिष्ठीत संस्थानों में कार्य कर चुके हैं और वर्तमान में DNP के साथ कार्यरत हैं।

Latest stories