Monday, November 18, 2024
Homeख़ास खबरेंPremanand Maharaj का दावा! 'ॐ नमः शिवाय' के बजाय इस खास मंत्र...

Premanand Maharaj का दावा! ‘ॐ नमः शिवाय’ के बजाय इस खास मंत्र को जपने से भक्तों का हो सकता है कल्याण

Date:

Related stories

Guru Nanak Jayanti 2024 से जुड़े धार्मिक मत क्यों है खास? Kartik Purnima और गुरु नानक जयंती का क्या है जुड़ाव? यहां जाने

Guru Nanak Jayanti 2024: दिवाली, गोवर्धन पूजा और छठ पूजा के बाद मनाई जाने वाली गुरु नानक जयंती का शुभ पर्व आज है। सिख धर्म के संस्थापक श्री गुरु नानक देव (Guru Nanak Dev) की जयंती के दिन मनाए जाने वाले इस खास प्रकाश पर्व (Prakash Parv) को कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि पर मनाते हैं।

Govardhan Puja 2024: भगवान कृष्ण को अर्पित करें ये खास वस्तु, शास्त्रीय मतों के अनुसार रखें इन बातों का ध्यान

Govardhan Puja 2024: दिवाली (Diwali) पर्व के बाद मनाए जाने वाले सबसे खास उत्सवों में से एक गोवर्धन पूजा आज धूम-धाम से मनाया जा रहा है। इस दिन भगवान कृष्ण की अराधना की जाती है।

Bibek Debroy: PM Modi की आर्थिक सलाहकार परिषद के प्रमुख बिबेक देबरॉय का निधन, नए संविधान की मांग कर बटोरीं थी सुर्खियां

Bibek Debroy: देश के जाने-माने अर्थशास्त्री और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC) के चेयरमैन बिबेक देबरॉय का निधन हो गया है।

क्या दुनिया से Dollar के दबदबे को खत्म कर सकते हैं BRICS देश? जानें US के लिए क्यों है चिंता का विषय?

US Dollar vs BRICS Currency: रूस (Russia) के कजान शहर में आयोजित 16वें BRICS Summit का समापन आज यानी 24 अक्टूबर को होना है। कजान (Kazan) में आयोजित ब्रिक्स शिखर सम्मेलन ने दुनिया का समक्ष चर्चा का एक नया विषय दे दिया है।

World Polio Day 2024: क्यों नहीं भारत के दिखाए राह पर चलकर पोलियो मुक्त हो जाता Pakistan? जानें इस खतरनाक बिमारी के नुकसान?

World Polio Day 2024: देश-दुनिया के विभिन्न हिस्सों में आज यानी 24 अक्टूबर को विश्व पोलियो दिवस मनाया जा रहा है। विश्व पोलियो दिवस (World Polio Day 2024) का उद्देश्य पोलियो बिमारी के प्रति जागरूकता फैलाना और इसके खिलाफ जंग छेड़ने वालों की सराहना करना है।

Premanand Maharaj: आधुनिकता के इस दौर में भी अध्यात्म में रुचि लेने वालों की कमी नहीं है। यही वजह है कि सोशल मीडिया के तमाम प्लेटफॉर्म पर अध्यात्मिक गुरुओं के दावे और उनकी कही बातों को लोग बेहद गंभीरता से लेते हैं और ज्यादातर उन पर अमल भी करते हैं। हिंदू अध्यात्म की बात करें तो आध्यात्मिक गुरु, संत व दार्शनिक के रूप में लोकप्रियता हासिल कर चुके ‘प्रेमानंद महाराज’ (Premanand Maharaj) का नाम सोशल मीडिया पर सुर्खियों में रहता है और उनके द्वारा किए गए दावों को लेकर खूब चर्चाएं होती हैं।

सोशल मीडिया पर उनके द्वारा कही गई एक बात तेजी से वायरल हो रही है जिसमें वो कुछ शिवभक्तों को ‘ॐ नमः शिवाय’ के बजाय ‘सांब सदाशिव’ मंत्र जपने की सलाह दे रहे हैं। ऐसे में आइए हम आपको इस पूरे प्रकरण के बारे में विस्तार से बताते हैं और साथ ही ये भी बताते हैं कि ‘सांब सदाशिव’ मंत्र किसे जपने को कहा जा रहा है। (Premanand Maharaj)

Premanand Maharaj का दावा!

हिंदू आध्यात्मिक गुरु, संत व दार्शनिक ‘प्रेमानंद महाराज’ द्वारा की गई बात-चीत का एक अंश सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल है जिसमें वो कुछ शिवभक्तों से ‘ॐ नमः शिवाय’ के बजाय ‘सांब सदाशिव’ मंत्र जपने को कहते सुने जा सकते हैं। प्रेमानंद महाराज की मानें तो ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जप ‘गुरु मंत्र’ लेने के पश्चात ही करना चाहिए अन्यथा यह नकारात्मकता की भाव को और पुष्ट कर देगा।

प्रमानंद महाराज का कहना है कि वैदिक मंत्र गुरु पद्धति से ही जपना चाहिए। ऐसे मनमाने ढंग से नहीं जपना चाहिए जैसे लोग आजकल जप रहे हैं। प्रेमानंद मराहाज ने लोगों को सलाह दी है कि ‘गुरु मंत्र’ न लेने वाले लोग ‘ॐ नमः शिवाय’ के बजाय ‘सांब सदाशिव-सांब सदाशिव’ मंत्र का जप कर सकते हैं।

‘सांब सदाशिव’ मंत्र का अर्थ

‘सांब सदाशिव’ मंत्र के अर्थ को समझना बेहद अहम है। इसका अर्थ है ‘माता अंबा (पार्वती) के साथ भगवान शिव’ यानि ”सांब सदाशिव” का उच्चारण कर लोग भगवान भोलेनाथ और मां पार्वती को एक साथ भजते हैं और उनकी प्रार्थना करते हैं। मान्यता है कि ‘सांब सदाशिव’ का उच्चारण करने से भक्तों को आंतरिक शांति और स्थिरता मिलती है और साथ ही सकारात्मक ऊर्जा आपकी तरफ आकर्षित होती है। इस मंत्र का जप करने से शारीरिक और मानसिक कल्याण में भी सुधार होता है और लोग नकारात्मकता की भाव से बचे रहते हैं।

‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का अर्थ

‘ॐ नमः शिवाय’ में ‘ॐ’ शब्द का अर्थ है ब्रह्मांड, ‘नम:’ का नमन करना और ‘शिवाय’ का तात्पर्य भगवान भोलेनाथ से है। ऐसे में ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का आशय है कि अर्थ है ‘मैं शिव को नमन करता हूं।’ धार्मिक मान्यता है कि इस मंत्र का जप करने से शरीर में नई ऊर्जा का प्रवाह तेज होता है और व्यक्ति में साहस और उत्साह से भर जाता है। इसके अलावा इसको जपने से तनाव भी कम होता है और लोगों को इंद्रियों पर नियंत्रण पाने में मदद मिलती है। हालाकि ‘प्रेमानंद महाराज’ की मानें तो इस मंत्र का जप ‘गुरु मंत्र’ लेने के पश्चात ही करना चाहिए अन्यथा यह नकारात्मकता की भाव को और पुष्ट कर सकता है।

डिस्क्लेमर– यह सूचना लोगों को सामान्य जानकारी के लिए सिर्फ मान्यताओं और इंटरनेट पर मिलने वाली जानकारी के आधार पर दी गई है। डीएनपी न्यूज नेटवर्क/लेखक किसी भी तरह की मान्यता व जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। ऐसे में आप किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से अवश्य सलाह लें।

देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘DNP INDIA’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOKINSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।

Gaurav Dixit
Gaurav Dixithttp://www.dnpindiahindi.in
गौरव दीक्षित पत्रकारिता जगत के उभरते हुए चेहरा हैं। उन्होनें चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से अपनी पत्रकारिता की डिग्री प्राप्त की है। गौरव राजनीति, ऑटो और टेक संबंघी विषयों पर लिखने में रुची रखते हैं। गौरव पिछले दो वर्षों के दौरान कई प्रतिष्ठीत संस्थानों में कार्य कर चुके हैं और वर्तमान में DNP के साथ कार्यरत हैं।

Latest stories